बिलासपुर हाईकोर्ट में उस समय छत्तीसगढ सरकार की फजीहत हो गई जब कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई स्मार्ट सिटी नहीं है पूरा राज्य गोबर राज्य है। जस्टिस मिश्रा ने यह कड़ी टिप्पणी एम.एम.पी.वाटर स्पोर्ट्स बनाम छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की याचिका की सुनवाई करते हुए की है।
स्वामी विवेकानंद सरोवर बूढ़ा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स के दोबारा टेंडर करने को लेकर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स द्वारा बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। याचिका में छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के अलावा रायपुर नगर निगम और रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को भी पक्षकार बनाया गया था।
बूढ़ा तालाब रायपुर में वाटर स्पोर्ट्स का टेंडर पूर्व में एम.एम.पी वाटर स्पोर्टस् को दिया गया था, लेकिन कतिपय आधारों पर बाद में इसका दोबारा टेंडर निकाले जाने पर एमएमपी वाटर स्पोर्ट्स ने हाईकोर्ट बिलासपुर में याचिका लगाई गई थी जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले में स्मार्ट सिटी रायपुर, नगर निगम रायपुर और वाटर स्पोर्ट्स से जुड़े तथ्यों पर बहस के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने यह टिप्पणी कर दी कि यहां कोई स्मार्ट सिटी नहीं है, पूरा राज्य गोबर है।
बूढ़ातालाब में वाटर स्पोर्ट्स और शहर के बीच ऐतिहासिक बूढ़ातालाब में जल्द ही वाटर स्पोर्ट्स का मजा लिया जा सकेगा। तालाब के किनारे तैरते रेस्टोरेंट में खाने-पान की तमाम चीजें मौजूद होंगी। तालाब के बीच गार्डन में म्यूजिकल फाउंटेन और म्यूजिक शो रहेगा। एडवेंचर शो के तहत सैलिंग, पैराग्लाइडिंग सहित विभिन्न तरह के खेल हो सकेंगे। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल करीब 12 करोड़ रुपए की लागत से इसे पीपीपी मोड पर डेवलप करा रहा है।
पर्यटन विभाग ने इसके लिए मुंबई की एमएमपी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अनुबंध कर लिया है। कंपनी ने बूढ़ातालाब में काम भी शुरू कर दिया है। पूरा प्रोजेक्ट तीन चरणों में पूरा होगा। छह-छह महीने के तीन चरणों में 12 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस तरह अक्टूबर 2018 तक बूढ़ातालाब का स्वरूप ही बदला हुआ नजर आएगा। दरअसल, काफी दिनों तक बूढ़ातालाब के मेंटनेंस को लेकर पर्यटन विभाग और निगम के बीच खींचतान चली। निगम ने पांच साल के लिए इसे पर्यटन मंडल को दिया था।
पांच साल बाद मंडल ने इसे निगम को लौटाना चाहा, लेकिन निगम ने लेने से ही इंकार कर दिया। तब तालाब के लिए अलग से प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इससे शहर के बीच लोगों को मनोरंजन की मेट्रो स्तर की तमाम सुविधाएं मिल जाएंगी। यह रायपुर का पहला ऐसा तालाब होगा, जहां इस तरह की सुविधाएं विकसित होंगी। पर्यटन मंडल के अफसरों के अनुसार पीपीपी मोड पर 30 साल के लिए तालाब लीज पर दी गई है। इस दौरान कंपनी नियम शर्तों का पालन करेगी। नियम के विपरीत कार्य करने पर अनुबंध रद्द किया जा सकता है। कंपनी 20 दुकानें बनाएगी, जिसमें छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प विक्रय केंद्र खोले जाएंगे।
गंगरेल, बूढ़ाताला सहित पांच जगहों पर : छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने बूढ़ातालाब, गंगरेल बांध सहित पांच जलाशयों में इस तरह के वाटर स्पोर्ट्स और एडवेंचर सहित मनोरंजक सुविधाओं के लिए अक्टूबर 2016 में 68 करोड़ 25 लाख रूपए के एमओयू किए हैं। मुम्बई की एमएमपी (इंडिया) प्रायवेट लिमिटेड हसदेव बांगो बांध कोरबा में 15 करोड़ रुपए और विवेकानंद सरोवर (बूढ़ातालाब) रायपुर में 12 करोड़ खर्च कर सुविधाएं विकसित करेंगी। फ्लोटिंग रेस्टोरेंट 12 करोड़ के खर्च से शहर के बीच मनोरंजन पार्क का निर्माण करना था।