श्री हरिकोटा। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा ईओएस -03 उपग्रह का प्रक्षेपण नाकाम रहा। इससे इस मिशन को झटका लगा है। इंजन में खराबी के कारण इसरो का महत्वाकांक्षी मिशन पूरा नहीं हो सका। इसे अंतरिक्ष से धरती की निगरानी करनी थी, इसीलिए इसे भारत की सबसे तेज आंखें भी कहा जा रहा था। लेकिन मिशन अधूरा ही रहा गया। इसरो ने श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आज सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण शुरू किया था। पहले दो चरण में ये कामयाबी के साथ आगे बढ़ा, लेकिन तीसरे चरण में इसके क्रायोजेनिक इंजन में खराबी आ गई। स्पेसप्लाइट नाऊ के मुताबिक, इसरो ईओएस-03 उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा है। इसरो ने पुष्टि की है कि जीएसएलवी एमके. 2 लॉन्च आज क्रायोजेनिक चरण में देखी गई खराबी के कारण विफल रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के बाद से किसी भारतीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण में यह पहली विफलता है। इससे पहले इसरो के लगातार 14 मिशन सफल रहे।