चीन ने अपने जेएफ-17 थंडर लड़ाकू विमानों की खूबी को बढ़ा-चढ़ाकर बताकर अपने सदाबहार मित्र पाकिस्तान को दिए थे। अब चीन निर्मित यही विमान पाकिस्तानी एयर फोर्स के लिए बोझ बन गए हैं। इंजन में गड़बड़ी, उच्च रखरखाव और विमानों के प्रदशर्न में गिरावट कारण बताए जा रहे हैं। वर्ष 1999 में चीन और पाकिस्तान ने जेएफ-17 के संयुक्त उत्पादन के लिए समझौता किया था। उस समय यह बताया गया था कि यह लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआइ, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों की तुलना में बेहतर है।
पाकिस्तानी वायु सेना ने इन विमानों को दावों के आसपास भी नहीं पाया। इन विमानों में आरडी-93 एयरो इंजन लगे हैं, जो काला धुंआ छोड़ते हैं। इससे किसी युद्ध के दौरान ये लड़ाकू विमान आसानी से निशाने पर आ सकते हैं। इस तरह की खामियां मिलने पर पाकिस्तान ने चीन से कई बार शिकायत की। चीन ने इंजन भी बदले, लेकिन समस्या खत्म नहीं हुई। इसकी वजह यह बताई गई है कि ये आरडी-93 इंजन रूसी हैं। प्रतिबंधों के चलते रूस से इसके पार्ट और दूसरी मदद नहीं मिल पा रही है। चीन जेएफ-17 के लिए एक नया इंजन विकसित कर रहा है। लेकिन इसमें लंबा वक्त लग सकता है।