कोविड-19 महामारी ने जब पैरालिंपिक खेलों के लिए भाविना पटेल की तैयारियों को प्रभावित किया तो इस टेबल टेनिस खिलाड़ी को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा प्रदान किए गए रोबोट के रूप में अभ्यास के लिए एक आदर्श भागीदार मिला। भाविना ने कहा कि टोक्यो खेलों के उनके अभियान में इस रोबोट की भूमिका काफी अहम रही, जिससे वह ऐतिहासिक रजत पदक जीतने में सफल रहीं। भाविना इन खेलों की टेबल टेनिस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। वह अपनी स्पर्धा के फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की यिंग झोउ से हार गई थीं।
भाविना ने कहा, ‘मुझे साई टाप्स (टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम) के माध्यम से एक रोबोट मिला है। इसमें कई उन्न्त विश्ोषताएं हैं, जिससे आप विभिन्न् कोणों से स्ट्रोक प्राप्त कर सकते हैं। मुझे इससे अपने खेल को सुधार करने में मदद मिली। इसने मेरे खेल में बहुत सुधार किया। इसके अलावा टाप्स ने हमें रैकेट जैसे अन्य उपकरण दिए।”
इस टेबल टेनिस रोबोट (बटरफ्लाई एमिकस प्राइम) की कीमत 2,73,500 रुपये है। उन्हेंं इसके साथ ही एक ओटोवाक व्हीलचेयर भी दिया गया था, जिसकी कीमत 2,84,707 रुपये है। हंगरी में निरंमत, एमिकस प्राइम सबसे अच्छा पिंग पोंग (लगातार गेंद को बाहर फेंकने वाला) रोबोट होने का दावा करता है। इसमें अभ्यास के लिए 21 विकल्प मौजूद हैं, जिससे प्रति मिनट 120 गेंद बाहर निकल सकती हैं।
भाविना ने कहा, ‘महामारी के समय (लाकडाउन) के दौरान मेरे पति ने मेरे लिए घर पर ही एक टेबल की व्यवस्था की थी। उस समय मेरे कोच ने मुझे सेकेंड हैंड रोबोट दिया था, जिससे मैं अभ्यास करती थी लेकिन उसके बाद मुझे फरवरी-मार्च 2020 में साई से यह रोबोट मिला। रोबोट के साथ खेलने के बाद मेरे स्ट्रोक और मजबूत हो गए। मैं रोबोट से एक दिन में 5000 गेंदें खेलती थी। इससे गेंद पर नियंत्रण्ा और उसे सही जगह मारने में सफलता मिली। इससे मैं स्पिन और कट को नियंत्रित करने में बेहतर तरीके से सक्षम हुई।”