अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देने की घोषणा नहीं की है। सूत्र बताते हैंं कि पाकिस्तान ने गुपचुप तरीके से तालिबान सरकार को मान्यता दे दी है। इसके बाद तालिबान सरकार के नियुक्त राजनयिकों ने इस्लामाबाद पहुंचकर काम शुुरू कर दिया है।
तालिबान के दो अधिकारियों और दो अफगान राजनयिकों ने वायस आफ अमेरिका को बताया है कि तालिबान द्वारा नियुक्त राजनयिक इस्लामाबाद के अफगान दूतावास में पहुंच गए हैैं। उन्होंने वहां पर काम शुरू कर दिया है। इसी के साथ पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में स्थित वाणिज्य दूतावासों ने भी कार्य करना शुुरू कर दिया है। इससे पहले तालिबान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति इस्लामाबाद स्थित अफगान दूतावास में पहुंची थी। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इन राजनयिकों को कार्य करने की अनुमति दे दी गई है, हालांकि अभी तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी गई है।
तालिबान के दो अधिकारियों और दो अफगान राजनयिकों ने वायस आफ अमेरिका को बताया है कि तालिबान द्वारा नियुक्त राजनयिक इस्लामाबाद के अफगान दूतावास में पहुंच गए हैैं। उन्होंने वहां पर काम शुरू कर दिया है। इसी के साथ पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में स्थित वाणिज्य दूतावासों ने भी कार्य करना शुुरू कर दिया है। इससे पहले तालिबान सरकार द्वारा जारी अधिसूचना की प्रति इस्लामाबाद स्थित अफगान दूतावास में पहुंची थी। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इन राजनयिकों को कार्य करने की अनुमति दे दी गई है, हालांकि अभी तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी गई है।
काबुल में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर खान ने कहा कि अफगान अधिकारियों को पाकिस्तान जाने का वीजा दिया गया है। अफगान अधिकारियों को पाकिस्तान में रहकर दूतावास में कार्य करने का वीजा दिया गया है। उन्हें उस कार्य में सुविधाएं देने के लिए कहा गया है। उन्होंने सफाई दी कि वीजा जारी करने का मतलब यह नहीं है कि पाकिस्तान ने तालिबान सरकार को मान्यता दी है। यह एक यात्रा सुविधा है।
गौर हो कि पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता दिलाने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक किसी देश ने मान्यता का एलान नहीं किया है।











