क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स का भुगतान करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार वर्चुअल करेंसी को टैक्स के दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव करने पर विचार कर रही है। ये बदलाव अगले वित्त वर्ष के लिए पेश होने वाले बजट का हिस्सा हो सकते हैं।
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि आयकर कें संदर्भ में कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी होने वाली आय पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। जीएसटी के संदर्भ में भी कानून बहुत स्पष्ट है कि इस पर कर की वही दर प्रभावी होगी जो दूसरी सेवाओं पर लगती है। बजाज ने कहा, ‘लोग पहले से ही इस पर टैक्स चुका रहे हैं। अब इसका कारोबार बहुत बढ़ गया, इसलिए अब हम देखेंगे कि कानून में कुछ बदलाव कर सकते हैं या नहीं। इस संदर्भ में कोई भी परिवर्तन बजट पेश्ा करने के दौरान ही किए जा सकते हैं। दो महीने बाद बजट पेश्ा होना है और हमें उस समय तक इंतजार करना होगा।”
क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स) के प्रावधान पर उन्होंने कहा कि अगर हम इस मुद्दे पर कानून लेकर आते हैं तो देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के कारोबारियों को फैसिलिटेरर, ब्रोकरेज और ट्रेडिंग प्लेटफार्म के रूप में वगीकृत करने और उन्हें जीएसटी के दायरे में लाने के बारे में राजस्व सचिव ने कहा अन्य सेवाओं में भी ऐसी चीजें पहले से उपलब्ध हैं। इसलिए जो भी जीएसटी दर उन पर लगती है वही दर इन पर भी लागू होगी।