रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले उत्पाद बनाने वाली भारतीय कंपनियों (एफएमसीजी) को वर्ष 2021 में महंगाई की वजह से शहरी बाजारों में खपत में सुस्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में गिरावट की स्थिति का सामना करना पड़ा। आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली फर्म नीलसन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि महंगाई से परेशान इन कंपनियों को बार-बार कीमतों में वृद्धि करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। वर्ष 2021 में एफएमसीजी उद्योग को लगातार तीन तिमाहियों में अपने मार्जिन को बचाने के लिए दहाई अंक में दाम बढ़ाने पड़े। एफएमसीजी कंपनियों की कुल बिक्री में करीब 35 प्रतिात हिस्सा ग्रामीण बाजारों का है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद इस पर तगड़ी मार पड़ी और हिंदुस्तान यूनीलीवर समेत कई एफएमसीजी कंपनियों के तिमाही नतीजों में ग्रामीण बिक्री में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। नीलसन की रिपोर्ट कहती है कि कीमतें बढ़ने से छोटे उत्पादकों पर असर पड़ रहा है। इस वजह से 100 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाले छोटे विनिर्माताओं की संख्या में 13 प्रतिशत की कमी हो चुकी है।