केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तथा निर्माताओं के पास कोरोनारोधी टीकों का पर्याप्त भंडार होने को ध्यान में रखते हुए कोविशील्ड और कोवैक्सीन के वाणिज्यिक निर्यात की अनुमति दी है। हालांकि, निर्यात किए जाने वाले टीकों की मात्रा पर सरकार हर महीने फैसला करेगी ताकि देश में उसकी उपलब्धता में कोई कमी नहीं होने की बात सुनिश्चित की जा सके।
उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के राजदूतों से मुलाकात के दौरान बताया कि दुनिया में कोरोना की रोकथाम के लिए भारत वैक्सीन का निर्यात फिर शुरू करने के पक्ष में है। उधर एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भारत को वैक्सीन खरीदने के लिए 1.5 अरब डालर (111.73 अरब रुपये) का ऋण मंजूर किया है।
सरकार द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) को कोविशील्ड की 50 लाख खुराक नेपाल, ताजिकिस्तान, बांग्लादेश और मोजम्बिक निर्यात करने की अनुमति दिये जाने के साथ भारत ने हाल में संयुक्त राष्ट्र समर्थित ‘कोवैक्स” को कोरोना टीकों की आपूर्ति बहाल की है। कोविशील्ड टीकों की खेप इस सप्ताह नेपाल और ताजिकिस्तान पहुंचेगी।
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पास 22.72 करोड़ से अधिक बची हुई और अप्रयुक्त डोज उपलब्ध हैं। टीकों का उत्पादन बढ़ रहा है जिसके कारण स्टाक बढ़ता चला जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए कोविशील्ड और कोवैक्सीन के वाण्ािज्यिक निर्यात की अनुमति देने का फैसला लिया गया।
एसआइआइ में सरकार एवं नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने हाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बारे मे अवगत कराया था कि पुणे स्थित कंपनी के पास कोविशील्ड की 24.89 करोड़ से अधिक डोज हैं और इसका स्टाक प्रतिदिन बढ़ रहा है।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन की करीब 31 करोड़ खुराक एसआइआइ और भारत बायोटेक से दिसंबर में सरकार को मिलने की उम्मीद है। इसी दौरान जायडस कैडिला द्वारा तीन खुराक के अपने कोविड टीके जायकोवी-डी की करीब दो करोड़ डोज की आपूर्ति होने की संभावना है।