बफैलो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के एक दल ने आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की एक नई प्रणाली विकसित की है जो मरीज में उम्र बढ़ने के साथ होने वाली गंभीर बीमारियों की जानकारी पहले से दे देगी।
इस शोध को ‘जरनल आफ फार्माकोकायनेटिक्स एंड फार्माकोडायनेमिक्स” में प्रकाशित किया गया है। इस माडल के जरिये मेटाबालिक (उपापचय) और कार्डियोवेस्कुलर (फेफड़े संबंधी) बायोमार्कर का प्रयोग किया जाएगा। इसे मापने की जैविक प्रक्रिया के जरिये शरीर में केलोस्ट्रोल का स्तर, बाडी मास इंडेक्स, ग्लूकोज और ब्लड प्रेश्ार का आकलन करके सेहत का हाल पता लगाया जाएगा। साथ ही मरीज के जीवनकाल में उसे होने वाली बीमारियों का अंदेश्ाा भी वैज्ञानिक आधार पर आंका जाएगा।
इस एआइ माडल के जरिये मरीज की आयु के बढ़ने के बाद उसमें पाचन और श्वसन संबंधी रोगों के खतरे का आकलन होगा। चूंकि उम्र बढ़ने के साथ श्ारीर में होने वाली परिवर्तन का कोशिकाओं, मानसिक स्थिति और व्यवहार संबंधी गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ता है। फार्मासुटिकल साइंस के प्रोफेसर मुरली रामनाथन ने कहा कि इस जानकारी से हम किसी रोग के विकास क्रम को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। साथ ही भावी मरीजो को भी अपने बचाव के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। कई नैदानिक थेरेपी के जरिये मरीजों को उस बीमारी की ओर बढ़ने से रोका जा सकता है।