भारत ने ब्रह्माोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया है। गत दिनों तूफान से पहले ही ओडिशा के चांदीपुर इंटीगे्रटेड परीक्षण रेंज में इस मिसाइल का परीक्षण सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआइ से किया गया। इस परीक्षण को चीन को कड़े संदेश देने के रूप में भी देखा जा रहा है।
ब्रह्माोस के इस विस्तारित संस्करण के सफल परीक्षण के बाद भारतीय वायु सेना की ताकत और भी बढ़ गई है। इसके साथ ही यह ब्रह्माोस के नए संस्करणों के विकास और विस्तार की प्रक्रिया में अहम कड़ी साबित हुई। अब विमान से छोड़ी जाने वाली मिसाइलों का तेजी से निर्माण किया जा सकेगा। कुछ दिनों पहले भारत ने ब्रह्माोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था। वहीं, इसी साल जुलाई में ब्रह्माोस के एयर वर्जन का भी परीक्षण किया था। इस मिसाइल की क्षमता एक हजार किलोमीटर तक है, जबकि एक हजार किलो तक का विस्फोट अपने साथ ले जाने में यह सक्षम है।
चीन और पाकिस्तान से तनातनी के बीच भारत ने हाल के दिनों में विकसित परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम तथा आवाज की गति से भी तेज चलने वाली मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण्ा कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। एक दिन पहले ही भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली वीएलएसआरएसएएम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। भारत की ओर से लगातार किए जा रहे बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों के परीक्षण ने पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ा दी है। ब्रहमोस सुपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण भारत और रूस के सहयोग से हो रहा है।
भारत जिस प्रकार से पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक लगातार बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइलों का परीक्षण्ा कर रहा है, इससे पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ी है। ब्रह्माोस एक शक्तिशाली और आक्रामक मिसाइल हथियार प्रणाली है। चीन और पाकिस्तान इसे शुरू से ही खुद के लिए बड़ा खतरा मानते रहे हैं। यह भारत की सबसे आधुनिक और दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल मानी जाती है, जो पहाड़ों की आड़ में छिपे दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकती है।