रायपुर। निलंबित एडीजी जीपी सिंह को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पकड़ा है। सूचना है कि सिंह को उस समय पकड़ा गया जब वे अपने वकील से मिलकर उनके चेंबर से बाहर आए थे। जो टीम उन्हें गिरफ्तार करने गई थी, वो पिछले तीन दिन से उनके वकील के घर के आसपास थी। मंगलवार को सिंह सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े वकील से मिलने आए थे और बाहर निकलते समय उन्हें टीम ने घेर लिया। आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह जैसे मामलों में जीपी सिंह साल 2021 के जुलाई महीने से फरार थे। अब एसीबी की टीम उन्हें बुधवार को रायपुर लेकर आएगी। बुधवार को ही उन्हें कोर्ट में पेश किया जा सकता है। कुछ दिन पहले जीपी सिंह की तलाश में दिल्ली गई छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम के 4 अफसर कोरोना की वजह से संक्रमित हो गए थे। जीपी सिंह अलग-अलग मामलों में पुलिसिया कार्रवाई से बचने कोर्ट में गिरफ्तारी या पुलिस एक्शन रोकने की मांग करने के आवेदन दे चुके थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था।
कई विवादों में फंसे हैं जीपी सिंह
फिलहाल जीपी सिंह सस्पेंड चल रहे हैं। छत्तीसगढ़ अउइ के चीफ रह चुके जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का केस कर चुकी है। 1 जुलाई की सुबह 6 बजे एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा था। जीपी सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई। रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है। इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है। इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।