सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप, बिलासपुर में पुलिस को चकमा देकर गायब
रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो के शिकंजे में फंसे छत्तीसगढ़ के सस्पेंड अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह पर गुरुवार देर रात 12 बजे राजद्रोह की एफआईआर दर्ज की गई है। उनके सरकारी बंगले से कुछ चि_ियां, फटे हुए पन्ने और पेन ड्राइव मिले थे, जिसकी जांच में सरकार विरोधी गतिविधियों की बात सामने आई है। इसके बाद सिटी कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है। वहीं जीपी सिंह आखिरी बार बिलासपुर में देखे गए थे। वहां से पुलिस को चकमा देकर गायब हो गए। हालांकि उनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। जीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के पहले अफसर हैं, प्रदेश में जिनके ऊपर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। एसीबी ने सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर एक जुलाई की सुबह 6 बजे छापा मारा था। इसके साथ ही 15 ठिकानों पर भी एक साथ कार्रवाई की गई थी। करीब 68 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कार्रवाई के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से डायरी, फटे हुए पन्ने और एक दर्जन पेन ड्राइव मिली थी। इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया है। डायरी के पन्नों और पेन ड्राइव से निकाले गए दस्तावेजों से सरकारी विरोधी गतिविधियों के संकेत मिले थे। एसीबी ने डायरी के पन्ने और पेन ड्राइव से निकाले गए दस्तावेजों का ब्योरा तीन दिन पहले ही पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने कार्रवाई के पहले करीब 2 दिनों तक एसीबी से मिले दस्तावेजों का परीक्षण किया। उसके बाद छापे मारने वाली टीम के अफसरों का बयान लिया। उनके बयानों और दस्तावेजों के आधार पर अपराध दर्ज किया। जीपी सिंह के सरकारी बंगले और उनके सहयोगियों के ठिकानों में छापेमारी के दौरान जो दस्तावेज मिले हैं उनमें ऐसी बातें लिखी हुई हैं जो सरकार के खिलाफ साजिश की तरफ सीधा इशारा कर रही हैं। पत्र के अलावा डायरी के कुछ पन्ने ऐसे हैं, जिनमें कुछ लोगों को लेकर गंभीर आपत्तिजनक टिप्पणियां हैं, जिन्हें पुलिस यह मान कर चल रही है कि इनसे समाज में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास भी किया गया है।