अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन जिस समय ब्रसेल्स में रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए रणनीति पर विचार कर रहे थे, उस समय यूक्रेनी शहरों में रूसी मिसाइलें बरस रही थीं और गोले बर्बादी के निशान छोड़ रहे थे। ताजा सेटेलाइट तस्वीरें बता रही हैैं कि सबसे ज्यादा बर्बादी तटवर्ती शहर मारीपोल में हुई है। करीब तीन हफ्ते से रूसी सेना उसे घेरकर वहां बमबारी और गोलाबारी कर रही है। करीब चार लाख आबादी वाले शहर से ज्यादातर लोग पलायन कर चुके हैैं जबकि एक लाख अभी भी फंसे हुए हैैं और इन्हें एक-एक मिनट काटना भारी पड़ रहा है। यूक्रेन से अभी तक 36 लाख से ज्यादा लोग भागकर पड़ोसी देशों में जा चुके हैैं।
रूसी सेना के तटवर्ती शहर ओडेसा और मीकोलईव में भी हमले तेज हुए हैैं। चार्निहीव में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया है। यूक्रेन के सभी बड़े शहरों में रात-दिन हवाई हमले से आगाह करने वाले सायरन गूंज रहे हैैं और हमले हो रहे हैैं। कीव में दो शापिंग माल को निश्ााना बनाया गया जिसमें चार लोग घायल हुए हैैं। इस बीच रूस और यूक्रेन के बीच चल रही आनलाइन शांति वार्ता भी खटाई में पड़ने की खबर है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यूक्रेन बार-बार सोच बदल रहा है। इसके चलते शांति वार्ता में मुश्किलें आ रही हैैं। लेकिन रूस अपने उद्देश्य नहीं बदलेगा। यूक्रेन को हथियार विहीन करने तक युद्ध जारी रहेगा। रूस ने नागरिकों को निशाना बनाने के आरोपों से इन्कार किया है।
यूक्रेन ने मारीपोल जा रहे राहत कर्मियों के 15 सदस्यीय दल को रोकने और वाहन चालकों को हिरासत में लेने का आरोप रूसी सेना पर लगाया है। ये लोग मारीपोल में भूख-प्यास के शिकार लोगों के लिए खाना, पानी और अन्य जरूरी सामग्री ले जा रहे थे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के अनुसार मारीपोल में करीब एक लाख लोग फंसे हुए हैैं। इस तटीय शहर को घेरकर रूसी सेना पिछले 20 दिनों से बमबारी और गोलाबारी कर रही है। इसके चलते शहर की ज्यादातर इमारतें ध्वस्त हो गई हैैं। बावजूद इसके रूसी सेना इस शहर पर अभी तक कब्जा नहीं कर पाई है।