अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी ने लगातार दूसरे साल अपनी प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से कोई वेतन नहीं लिया। अंबानी ने कोरोना महामारी के चलते स्वेच्छा से अपना वेतन नहीं लिया। इससे पहले उन्होंने चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के वेतन को  2008-09 से 15 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया था। अंबानी का वेतन साल 2019-20 तक केवल 15 करोड़ रुपये ही था। इस तरह उनके वेतन में 11 वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ।
मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी कंपनी के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। उन्हें बैठक में हिस्सा लेने के लिए पांच लाख रुपये के अलावा दो करोड़ रुपये का कमीशन मिला है। इससे पहले पिछले साल नीता अंबानी को आठ लाख रुपये सिटिंग फीस मिली थी। साथ ही 1.65 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर मिले थे। अंबानी के चचेरे भाई निखिल और हीतल मेसवानी का वेतन 24 करोड़ रुपये पर ही रहा। हालांकि इस बार इसमें 17.28 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल था।
खुदरा कारोबार में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने किया तीस हजार करोड़ का निवेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने खुदरा कारोबार में 30,000 करोड़ रुपये (करीब 3.76 अरब डालर) का निवेश किया है। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष यानी 2021-22 में 2,500 नए स्टोर खोले। इस तरह उसके स्टोर की संख्या बढ़कर 15,196 हो गई। कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि खुदरा कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस रिटेल ने वर्ष के दौरान 1.11 करोड़ वर्ग फुट भंडारण स्थान जोड़ा है और गोदाम की जगह लगभग दोगुनी होकर 2.27 करोड़ वर्ग फुट पहुंच गई। कंपनी ने पिछले वर्ष के दौरान 1.50 लाख से अधिक लोगों को काम पर रखा, जिससे इसके कर्मचारियों की कुल संख्या बढ़कर 3.61 लाख हो गई।
		








