रसायन विज्ञान के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि के लिए इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन विज्ञानियों को मिलेगा। इनमें अमेरिका के स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी की कैरोलिन आर बर्टोजी, अमेरिका के ही ला जोला स्थित स्क्रिप्स रिसर्च के वैज्ञानिक के बैरी शार्पलेस और डेनमार्क की यूनिवर्सिटी आफ कोपेनहेगन के मार्टेन मेल्डल शामिल हैं। इन विज्ञानियों ने क्लिक केमिस्ट्री और बायोआर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए कार्य किया।
स्वीडन के स्टाकहोम में रायल स्वीडिश एकेडमी आफ साइंसेज ने इनके नामों की घोषणा की। 2021 में रसायन का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से वैज्ञानिक बेंजामिन लिस्ट और डेविड डब्ल्यू सी मैकमिलन को अणुओं के निर्माण के लिए पर्यावरणीय रूप से स्वच्छ तरीका खोजने के लिए दिया गया था।
क्या है क्लिक केमिस्ट्री
सीधे शब्दों में कहें तो क्लिक केमिस्ट्री समान व्यवहार रखने वाले छोटे-छोटे मालीक्यूल्स को जोड़ने की प्रक्रिया है। इसे बायोकंजुगेशन कहते हैं। क्लिक केमिस्ट्री और बायोआर्थोगोनल केमिस्ट्री का प्रयोग भविष्य में इंसानों और अन्य जीवों के शरीर में ऐसे मालीक्यूल्स के निर्माण के लिए होगा, जो उन्हें निरोग रखेंगे। बीमारी से बचा सकेंगे। क्लिक केमिस्ट्री भविष्य में कैंसर के इलाज व डीएनए में बदलाव करने में भी कारगर साबित होगी। यानी यह आपके जीवन की तमाम समस्याओं का समाधान कर सकती है।
एक नजर तीनों विज्ञानियों पर
कैरोलिन आर बर्टोजी : बास्टन में जन्मीं 55 वर्षीय बर्टोजी को रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान दोनों में ही महारथ है। जीवित प्रणालियों के साथ कैमिकल रिएक्शन के लिए बायोआर्थोगोनल केमिस्ट्री शब्द उन्हीं की देन है। उन्होंने कैंसर, सूजन और बैक्टीरियल इंफेक्शन से जुड़े सेल सरफेस ग्लाइकोसिलेशन में बदलावों पर काफी काम किया है। शोध उपलब्धियों के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिल चुके।
बैरी शार्पलैस : 1941 में फिलाडेलफिया में जन्मे शार्पलैस ने स्टीरियोसेलेक्टिव रिएक्शन और क्लिक केमिस्ट्री पर बहुत काम किया है। उन्हें दूसरी बार नोबेल मिला है। 2001 में शार्पलेस को चिरली उत्प्रेरित आक्सीकरण रिएक्शन पर उनके काम के लिए रसायन का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। खास बात ये है कि वे ग्रेजुएशन के बाद मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते थे मगर उनके शिक्षक ने उन्हें रसायन के क्षेत्र में ही आगे पढ़ाई जारी रखने को कहा। इस वर्ष संयुक्त रूप से रसायन का नोबेल जीतने के साथ ही शार्पलेस उन वैज्ञानिकों के विशिष्ट समूह में शामिल हो गए जिन्होंने दो बार नोबेल पुरस्कार जीते हैं। अन्य विज्ञानियों में फ्रेडरिक सेंगर दो बार रसायन विज्ञान का नोबेल, जान बारडीन दो बार भौतिकी का नोबेल, मैरी क्यूरी एक बार भौतिकी और एक बार रसायन का नोबेल, निलुस पालिग एक बार रसायन विज्ञान और एक बार शांति का नोबेल जीत चुके हैं।
मार्टेन मेल्डल : 67 वर्षीय मेल्डन को क्लिक रिएक्शन करने के लिए जाना जाता है। इन्होंने पेप्टाइड और कांबिनेटरियल केमिस्ट्री में कई तकनीकों का विकास किया है। बायोआर्गेनिक केमिस्ट्री व पालिमर, एंजाइमोलजी के विकास में भी इनकी गहरी रूचि रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार पुरस्कृत हो चुके हैं। वे सोसाइटी आफ कांबिनेटोरियल साइंसेज के मुखिया भी हैं।
शार्पलेस दो बार नोबेल जीतने वाले विशिष्ट क्लब में शामिल हैं।
ये भी जानिये
– 187 विज्ञानियों को अब तक रसायन के नोबेल पुरस्कार ने सम्मानित किया जा चुका, इनमें सात महिला विज्ञानी।
– 97 वर्षीय जान बी गुडइनफ (2019 में) सबसे उम्रदराज नोबल पुरस्कार विजेता। ये सभी श्रेणियों में रिकार्ड।
– 35 साल की उम्र में 1935 में इरेन जोलियट ने पत्नी क्यूरी के साथ रसायन का नोबेल जीता था। ये सबसे कम आयु में नोबेल।