छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत 16 जनवरी से होगी। वैक्सीनेशन की सभी तैयारियां हो चुकी हैं। पहले चरण में 2.67 लाख हेल्थ केयर वर्कर को टीका लगाया जाएगा। इसके लिए पूरे राज्य में वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक 99 वैक्सीनेशन केन्द्र चिन्हाकित किए गए हैं। वैक्सीनेशन केन्द्र राज्य के मेडिकल कालेजों, जिला अस्पतालों, कुछ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी अस्पतालों में स्थापित किए गए हैं।
इस संबंध में जानकारी देने के लिए आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डाॅ प्रियंका शुक्ला ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा की और वैक्सीनेशन सेे संबंधित जानकारी दी।
उन्होने बताया कि कोविन एप में राज्य के सभी हेल्थ केयर वर्कर का डाटा रजिस्टर कर लिया गया है। रजिस्ट्रेशन के लिए कोई भी फोटो युक्त पहचान पत्र की आवश्यक्ता होगी। पात्र लाभार्थियों को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वैक्सीनेशन की जगह ,समय और तारीख का संदेश भेजा जाएगा। वैक्सीन लगाने के बाद व्यक्ति को आधे घंटे तक निरीक्षण कक्ष में रखा जाएगा और तबीयत खराब लगने पर तुरंत उपचार की व्यवस्था की जाएगी। वैक्सीन लगाने वाले वैक्सीनेटर को भी समुचित प्रशिक्षण दिया गया है। एक वैक्सीनेटर एक दिन में 100 लोगों को टीका लगाएगा। वैक्सीन की पहली खुराक के 28 दिनों के अंदर दूसरी खुराक लेना होगा। इसके दो सप्ताह के अंदर आम तौर पर एंटीबाडी का सुरक्षात्मक स्तर विकसित होता है। वैैैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना आवश्यक होगा जिससे कोरोना के खतरे को कम किया जा सकेगा।
राजधानी रायपुर में आज मीडिया के वरिष्ठ सदस्यों को विभाग द्वारा तैयार, प्रशिक्षण, प्रक्षेपण और COVID टीकाकरण रोल-आउट पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। यह आयोजन विभाग द्वारा प्रायोजित और UNICEF, WHO और UNDP द्वारा समर्थित था।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ में यूनिसेफ के प्रमुख जॉब ज़करिया ने कहा कि भारत में अब तक के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की जा रहा है, जिससे लाखों लोग लाभान्वित होंगे। मीडिया और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने, संचार सामग्री के विकास और कोल्ड चेन प्रबंधन में राज्य सरकार का समर्थन करने हेतु यूनिसेफ प्रतिबद्ध है। ज़करिया ने मीडिया को असत्य खबरों और टीके से जुड़ी गलत जानकारी के बारे में आगाह किया। उन्होंने मीडिया से अनुरोध किया कि वे स्वास्थ्य विभाग के साथ डेटा और जानकारी की वास्तविक जाँच करें और केवल प्रामाणिक स्रोतों द्वारा साझा की गई जानकारी पर भरोसा करें।
7,116 वैक्सीनेटरों की पहचान की गई
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि राज्य के सभी 28 जिलों में 1349 सत्र स्थलों की पहचान की गई है। इसमें सरकारी और निजी स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूल, सामुदायिक हॉल, ग्राम पंचायत और नगर पालिका भवन शामिल हैं। “कुल 7,116 वैक्सीनेटरों की पहचान की गई है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। टीम के 13,516 अन्य सदस्यों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया जारी है। टीकों के सुरक्षित भंडारण और परिवहन के लिए, 85,000 लीटर कोल्ड चेन स्थान के साथ 630 फंक्शनल कोल्ड चेन पॉइंट उपलब्ध कराए गए हैं और साथ ही 81 अतिरिक्त कोल्ड चेन पॉइंट स्थापित किए जा रहे हैं। कुल 29,000 वैक्सीन वाहक और 1,311 कोल्ड बॉक्स का उपयोग सत्र स्थलों पर वैक्सीन ले जाने के लिए किया जाएगा। सिरिंज, सुई और अन्य लॉजिस्टिक्स के भंडारण के लिए 360 साइटों पर ड्राई स्टोरेज की पहचान की गई है। राज्य सरकार ने अतिरिक्त 27,500 वैक्सीन वाहक और 300 कोल्ड बॉक्स की व्यवस्था के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया है।
डब्ल्यूएचओ के डॉ. प्रणितकुमार काशीनाथराव फटाले ने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा टीकाकरण की शुरूआत में परिचालन दिशानिर्देशों के विकास, विभिन्न संवर्गों की क्षमता निर्माण और निगरानी जैसे कार्यों में राज्य सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। अंशुमान मोइत्रा, यूएनडीपी ने कहा कि यूएनडीपी को-विन प्रणाली (Co- WIN system) के विकास में सहायता कर रहा है, जो एक क्लाउड-आधारित आईटी प्लेटफॉर्म है| इससे लाभार्थी पंजीकरण, सत्र माइक्रोप्लानिंग, टीकाकरण की रियल-टाइम रिपोर्टिंग और टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी करने में मदद मिलेगी।