बिहार में अपने के दुष्कर्म के आरोपी बेटे को सजा से बचाने के लिए पिता ने उसकी मौत कहानी गढ़ दी। इसके लिए विधिवत अंतिम संस्कार की प्रक्रिया अपनाने हुए घर से श्मशान तक दिखावा किया गया। कोर्ट ने आरोपित की मौत को सच मानकर केस भी बंद कर दिया। मगर पीड़िता की मां ने भी हार नहीं मानी किसी तरह सच्चाई का पता लगाकर अदालत तक मामले को पहुंचाया। कुर्की-जब्ती का आदेश जारी होने के बाद आखिरकार मुर्दे (आरोपी शिक्षक नीरज मोदी) ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। वह छिपते-छिपाते विशेष पाक्सो न्यायालय पहुंचा था। विशेष न्यायाधीश ने उसके अधिवक्ता की तरफ से प्रस्तुत अर्जी पढ़ने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
भागलपुर के मधुरा सिमानपुर निवासी शिक्षक नीरज मोदी पर 14 अक्टूबर, 2018 को छात्रा से दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया था। पिता राजाराम मोदी ने बेटे को सजा से बचाने के लिए उसकी मौत की झूठी कहानी गढ़ दी थी। बेटे की झूठी मौत को सच दिखाने के लिए उसे कफन पहनाया। चिता पर लिटाकर उसकी तस्वीरें भी ले लीं। कहलगांव श्मशान घाट के पास से लकड़ी खरीद की रसीद बनवा ली। उसी रसीद के सहारे बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवाकर विशेष पाक्सो न्यायालय में शपथ पत्र के साथ दाखिल कर दिया। अंतिम संस्कार की तस्वीरें भी अदालत को सौंपी गईं। आरोपी इस दौरान भूमिगत हो गया था। इसके बाद न्यायालय ने केस की फाइल बंद कर दी थी।
आरोपी और उसके पिता की इस करतूत की भनक पीड़िता की मां को लग गई। वह केस की वादी भी थी। उसने पीरपैंती के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को अर्जी देकर कहा कि उनके कार्यालय से इस संबंध में गलत प्रमाण-पत्र जारी किया गया। उनकी गुहार पर मामले की जांच की गई और सच्चाई सामने आ गई। पता चला कि आरोपी के पिता ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था। बीडीओ ने जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रार धमेंद्र कुमार से प्रमाण-पत्र रद करने व आरोपी के पिता राजाराम मोदी के विरुद्ध केस करने की अनुशंसा की। 21 मई, 2022 को पीरपैंती बीडीओ के निर्देश पर राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में ईशीपुर बाराहाट थाने में केस दर्ज कर लिया गया। नीरज के पिता अभी जेल में हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र भी रद कर दिया गया है।