बिलाईगढ़-। बिलाईगढ़ में हुए एक रोड एक्सीडेंट में 3 लोगों की मौत हो गयी। हादसा उस वक्त हुआ जब एक मिनी ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गयी, वहीं 10 से ज्यादा लोग घायल हो गये। चार लोगों की हालत नाजुक बतायी जा रही है। दरअसल, ये सभी यात्री भागवत कथा सुनने जा रहे थे तभी ये हादसा हुआ। घायलों का बिलाईगढ़ अस्पताल में इलाज जारी है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत झुमका में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। यहां संगीतमय भागवत कथा सुनने ग्राम पंचायत गेड़ापाली के करीब 40 लोग माजदा वाहन में सवार होकर गांव से निकले ही थे। इस दौरान मुख्य मार्ग में माजदा वाहन की एक मोटरसाइकिल से भिड़ंत हो गई। इससे माजदा वाहन पलट गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घटना में 10 से अधिक लोग घायल हुए है। घायलों को 108 के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ में भर्ती कराया गया है। यहां उनका इलाज जारी है।शनिवार दोपहर लगभग 2.30 बजे भटगांव थाना क्षेत्र के गेड़ा पाली में यह घटना हुई। जानकारी के मुताबिक घुटिकोनो गांव से लगभग 40 ग्रामीण एक पिकअप क्रमांक सीजी 11 एबी 2437 में सवार होकर भागवत कथा सुनने के लिए सरसीवा जा रहे थे। गांव से निकलकर पिकअप लगभग 10 किलोमीटर निकली थी इसी बीच मोड़ पर सामने से आ रही बाइक और पिकअप में भिंडत हो गई। जानकारी के अनुसार पिकअप ड्राइवर ने संभालने की कोशिश की लेकिन अधिक लोड होने के कारण पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई। दुर्घटना में मौके पर ही संबोध सिदार पिता मेघनाद सिदार 40 निवासी बोडाडीह थाना सलिहा, उचित राम सिदार पिता मैनेजर 65 वर्ष निवासी घुटीकोना थाना भटगांव और कमला बाई सिदार पति स्वर्गीय शिवनाथ सिदार 50 वर्ष निवासी घुटीकोना थाना भटगांव जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ की मौत हो गई। घटना की सूचना के तुरंत बाद भंटगांव पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। वहीं इस घटना में बाइक सवार देवसिंह सिदार सहित 8 अन्य लोग भी घायल हुए जिन्हें उपचार के लिए पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन हालत बिगड़ती देख चार लोगों को रेफर किया गया है।दुर्घटना में ओवरलोड के कारण दुर्घटना की बात सामने आई है। हर बार पिकअप के सड़क हादसों में यही कारण सामने आता है। इसके बाद पुलिस जागती है और मालावाहकों पर करवाई करती है। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से पुलिस ठंडी पड़ जाती है। जिस कारण ऐसी दुर्घटनाएं होती है। पुलिस को हर बार कारवाई करने के लिए किसी दुर्घटना का इंतजार करना पड़ता है। यह अकेले सारंगढ़ बिलाईगढ़ का हाल नहीं है। पूरे छत्तीसगढ़ में पुलिस लगभग इसी पैटर्न में काम करती है।