रायपुर/बिलासपुर। दिवंगत अजीत जोगी की बहू और जेसीसीजे नेता अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी के जाति प्रकरण मामले में सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में होगी। इस मामले में राज्य सरकार ने जांच के लिए मांगा था, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। ऋचा जोगी ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर अधिनियम 2013 के संशोधन और जिला समिति के नोटिस को चुनौती दी थी। याचिका में बताया है कि वर्ष 1950 के पहले से उनके पूर्वज मुंगेली के पास ग्राम पेंड्री में निवास करते आए हैं और दस्तावेजों में गोंड जाति दर्ज है। सत्ताधारी दल कांग्रेस पर जाति प्रमाणपत्र रद करवाकर मरवाही उपचुनाव लड़ने देने से रोकने का आरोप लगाया था। उनके पति अमित जोगी और ससुर स्व. अजीत जोगी मरवाही से विधायक रहे हैं। ससुर अजीत जोगी के निधन के कारण मरवाही सीट में उपचुनाव में उम्मीदवारी के चलते कांग्रेस पार्टी विद्वेष की भावना से काम करते हुए जाति प्रमाण पत्र को जिला स्तरीय छानबीन समिति के जरिए निलंबित करा दिया है,ताकि चुनाव न लड़ पाएं। ऋचा ने आरोप लगाया है कि उनको चुनाव से लड़ने से रोकने की योजना के तहत जिला छानबीन समिति ने नोटिस जारी किया था। उन्होंने समिति से सात दिन का समय मांगा था। याचिका में जिला छानबीन समिति के विधिक अधिकारिता पर गंभीर प्रश्न खड़े किए गए हैं । हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच वन में चीफ जस्टिस रामचंद्र और जस्टिस पी पी साहू इस प्रकरण की सुनवाई की थी जिसमें राज्य ने समय माँगा था। राज्य के अतिरिक्त समय देने के आग्रह को हाइकोर्ट ने स्वीकार करते हुए इस मामले की सुनवाई जनवरी के पहले हफ्ते तक टाल दी।