बैंकों के लिए सस्ती दरों पर लोगों से पैसा जुटाना ज्यादा कामयाब होता नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि बैंकों को अब फिक्स्ड डिपाजिट (एफडी) पर महंगाई को मात देने वाला ज्यादा ब्याज देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पंजाब एंड सिध बैंक समेत अधिकांश सरकारी बैंक कई वर्षों बाद एफडी पर आठ से 8.50 प्रतिशत तक ब्याज की पेशकश कर रहे हैं।
देश में कर्ज की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बैंक पैसा जुटाने के लिए 200 से 800 दिन की एफडी पर महंगाई से ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। यहां तक कि सात प्रतिशत की कम ब्याज दर भी ग्राहकों के लिए सकारात्मक है, क्योंकि जनवरी में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.52 प्रतिशत ही रही है। इससे ग्राहकों को महंगाई के मुकाबले वास्तविक ब्याज लाभ हो रहा है। 2022 में महंगाई 10 माह तक छह प्रतिशत से ज्यादा रही थी। इससे आरबीआई को लगातार छह बार में रेपो रेट में 250 आधार अंक की बढ़ोतरी करनी पड़ी है। अब आरबीआई का रेपो रेट 6.50 प्रतिशत हो गया है।
कौन से बैंक में कितना ब्याज
एसबीआई: 400 दिन की जमा पर 7.10 प्रतिशत
पंजाब एंड सिध बैंक: 221 दिन से ज्यादा की जमा पर आठ प्रतिशत
सेंट्रल बैंक आफ इंडिया : 444 दिन की जमा पर 7.35 प्रतिशत
यूनियन बैंक: 800 दिन की जमा पर 7.30 प्रतिशत
पीएनबी: 666 दिन की जमा पर 7.25 प्रतिशत
बैंक आफ बड़ौदा: 399 दिन की जमा पर 7.05 प्रतिशत
बैंक आफ इंडिया: 444 दिन की जमा पर 7.05 प्रतिशत
बैंक आफ महाराष्ट्र: 200 दिन की जमा पर सात प्रतिशत
केनरा बैंक: 400 दिन की जमा पर 7.15 प्रतिशत
इंडियन बैंक: 555 दिन की जमा पर सात प्रतिशत
यूको बैंक: 666 दिन की जमा पर 7.15 प्रतिशत
इंडियन ओवरसीज बैंक: 444 दिन की जमा पर सात प्रतिशत