चीन के साथ सीमा वार्ता में हाल ही में मिली सफलता के कुछ दिनों बाद रक्षा सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी लगभग पूरी हो चुकी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहली गश्त महीने के अंत तक फिर से शुरू होने की उम्मीद है, जहां 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से तनाव बना हुआ है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने की ये प्रक्रिया अभी भी जारी है और उम्मीद है कि जल्द पूरी हो जाएगी। अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी इस प्रक्रिया में दोनों पक्षों की ओर से सीमा गतिरोध के बाद विवादित क्षेत्रों में बनाए गए अस्थायी ढांचों और किलेबंदी को ध्वस्त करना शामिल है। ध्वस्त किए जा रहे अस्थायी ढांचों में उपकरण, वाहन और सैनिकों को रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पूर्वनिर्मित शेड और टेंट शामिल हैं।
सूत्रों से संकेत मिलता है कि विघटन का क्रॉस-वेरिफिकेशन पूरा होने की संभावना है और ये आधिकारिक स्वीकृति के लिए जरूरी कदम है। एक बार सत्यापन पूरा हो जाने पर भारत और चीन दोनों इन क्षेत्रों में तनाव खत्म होने की पुष्टि करेंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घोषणा की कि भारत और चीन जल्द ही लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त फिर से शुरू करेंगे, जो सीमा गतिरोध शुरू होने से पहले अप्रैल 2020 की व्यवस्था को बहाल करेगी।