अंतरिक्ष यात्रियों को अब अपनी लंबी यात्राओं में भी ताजी सब्जियां मिल सकती है। यह उम्मीद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) पर बैक्टीरिया के नए स्ट्रेन की खोज से जगी है। ये बैक्टीरियल स्ट्रेन आइएसएस पर पौधों के उगने में मददगार बताए जा रहे हैं। यह जानकारी यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के जेट प्रोप्लशन लैबोरेट्री (जेपीएल) और अन्य संस्थानों के अध्ययन में सामने आई है।
यह अध्ययन फ्रंटियर्स इन माइक्रोबायोलॉजी नामक जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है। इस शोध दल में नासा के जेपीएल में कार्यरत डॉ. कस्तुरी वेंकटेश्वरन, वर्ल्ड क्वांट इनिशिएटिव फॉर क्वांटिटेटिव प्रिडिक्शन के सीसी वांग तथा यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के प्रोफेसर अप्पा राव पोडिली और सीएसआइआर के विज्ञानी शामिल हैं। खोजे गए नए बैक्टीरियल स्ट्रेन मेथिलोबैक्टीरिया परिवार से हैं, जो आइएसएस के दो सतत उड़ानों से अलग-अलग स्थानों से एकत्र किए गए हैं। इनमें से एक स्ट्रेन की पहचान मिथाइलोरुब्रम रोडेशियानम के रूप में की गई, अन्य तीन को पहले कभी नहीं देखा गया था।
मेथिलोबैक्टीरियम प्रजातियां नाइट्रोजन निर्धारण, फॉस्फेट में घुलने, विषम परिस्थितियों को सहन करने, पौधे के विकास को बढ़ावा देने और इनके रोगजनकों (पैथोजेन्स) के खिलाफ जैविक नियंत्रण गतिविधि में शामिल होते हैं। शोधकर्ताओं ने प्रसिद्ध भारतीय जैव विविधता विज्ञानी डॉ. अजमल खान के सम्मान में नई प्रजाति के इस बैक्टीरिया को मेथिलोबैक्टीरियम अजमली नाम रखने का प्रस्ताव दिया है।
डॉ. कस्तूरी वेंकटेश्वरन का कहना है कि अंतरिक्ष में फसलों के उगने और उनके विकास के लिए स्ट्रेन में जैव-तकनीकी रूप से उपयोगी अनुवांशिकता हो सकती है। विषम परिस्थितियों में पौधों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करने वाले सूक्ष्म जीव आवश्यक है। चूंकि हमारे समूह के पास बैक्टीरिया की मदद से खेती करने की विशेषज्ञता है, इसलिए हमें नासा के स्पेस बायोलॉजी प्रोग्राम के द्वारा बैक्टीरिया की उपस्थिति के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेश्ान का सर्वेक्षण्ा करने का काम सौंपा गया है।
फिलहाल चल रहे निगरानी मिशन के हिस्से के तहत आइएसएस पर आठ स्थानों पर बैक्टीरिया के विकास की निगरानी की जा रही है, जो पिछले छह वर्षों से जारी है। आइएसएस से सैकड़ों बैक्टीरिया के नमूनों का अभी तक विश्लेषण किया जा चुका है, लगभग 1,000 नमूने अंतरिक्ष स्टेशन पर विभिन्न् अन्य स्थानों से एकत्र किए गए हैं, लेकिन ये पृथ्वी पर वापस पहुंचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जहां उनकी गहन जांच की जा सकती है।
शोधकर्ता चाहते हैं कि विश्लेषण के लिए नमूनों को पृथ्वी पर लाने के बजाय, एक एकीकृत माइक्रोबियल निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है, जिससे कि आणविक तकनीकों का उपयोग करके अंतरिक्ष में नमूने एकत्र कर उनका विश्लेषण्ा किया जा सके।