कश्मीर घाटी में बड़े पर्दे पर फिल्म देखने का इंतजार अब खत्म हो गया है। श्रीनगर के सोनमर्ग में मंगलवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले मल्टीप्लेक्स सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया। कश्मीर के पहले मल्टीप्लेक्स में 520 सीटों की कुल क्षमता वाले तीन सिनेमाघर होंगे। स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से परिसर में एक फूड कोर्ट भी होगा। मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वे दिवंगत अभिनेता शम्मी कपूर को इस अवसर पर श्रद्धांजलि देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विज्ञान अगर खोज है, तो कला उसकी अभिव्यक्ति है। जिन्हें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने इसके विपरीत किया, लेकिन अब समय बदल रहा है। प्रतिष्ठित निजी स्कूल के मालिक विजय धर ने कहा कि मल्टीप्लेक्स को मंगलवार को आमिर खान अभिनीत लाल सिंह चड्ढा की विशेष स्क्रीनिंग के साथ जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 30 सितंबर से ऋतिक रोशन और सैफ अली खान अभिनीत विक्रम वेधा की स्क्रीनिंग के साथ नियमित शो शुरू होंगे।बता दें कि कश्मीर के इस पहले मल्टीप्लेक्स के निर्माण के लिए विकास धर की कंपनी टक्साल हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने मार्च 2020 में आवेदन किया था। जून 2020 में प्रदेश सरकार ने अनुमति दे दी थी। विकास का परिवार कश्मीर का एक जाना-माना परिवार है।
बड़े पर्दे पर फिल्म देखने 300 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था
कश्मीर में सिनेमा हॉल बंद हो जाने की वजह से कुछ समय पहले तक कई युवा ऐसे भी हैं जिनको पता भी नहीं है कि सिनेमा हॉल कैसा होता है और मल्टीप्लेक्स क्या है। हालांकि, यहां के युवाओं को 300 किमी दूर जम्मू आकर फिल्म देखने के अपने सपने को पूरा करना पड़ता था। घाटी के युवा जो बाहर पढ़ रहे थे या फिर रोजी-रोजगार के सिलसिले में निकले थे, वे ही रुपहले पर्दे का आनंद ले पाए, अन्यथा घर पर टीवी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये ही वे अपने शौक पूरे करने को मजबूर थे।
आतंकियों की धमकी से 19 सिनेमा हॉल हो गए थे बंद
कश्मीर में 1990 में आतंकी संगठनों की धमकियों और हमलों के कारण सभी सिनेमा हॉल बंद हो गए थे। जानकार बताते हैं कि आतंकवाद के दौर में घाटी में एक-एक कर 19 सिनेमा हॉल बंद हो गए थे। इनमें अकेले नौ सिनेमा हॉल – रीगल, पैलेडियम, खयाम, फिरदौस, शाह, नाज, नीलम, शिराज व ब्रॉडवे श्रीनगर में थे। लाल चौक के पास पैलेडियम और उससे कुछ दूरी पर नीलम सिनेमा हॉल थे, जहां काफी भीड़ होती थी। आतंकी संगठनों की धमकियों और हमलों के कारण ये बंद होते गए।
1999 में फारूक अब्दुल्ला सरकार ने रीगल, नीलम व ब्रॉडवे को खोलने की कोशिश की, लेकिन सितंबर महीने में रीगल पर ग्रेनेड हमला हुआ। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 12 लोग घायल हुए थे। हमले के बाद यह रीगल पर ताला लग गया। रीगल व ब्रॉडवे को सुरक्षा घेरे में चलाने की कोशिश की गई, लेकिन दर्शकों की संख्या में कमी आने से इन्हें बंद करना पड़ा। अनंतनाग में सेना के प्रयासों से हेवन सिनेमा घर को खोला गया, लेकिन बाद में वह भी बंद हो गया।