देश में कोविड-19 महामारी के चलते लगे लाकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियां काफी हद तक थमी रही थीं। इसके कारण वायु प्रदूषण काफी कम हुआ था। लेकिन जैसे ही लाकडाउन हटा, वैसे ही देश के मध्य-पश्चिम और उत्तर भारत में तेजी से वायु प्रदूषण बढ़ा। सेटेलाइट की तस्वीरों से इस बात की पुष्टि हुई है।
भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करने वाली स्वायत्त संस्था आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ आब्जर्वेशनल साइंसेज (एरीज) ने ईयूमेटसेट और नासा के सेटेलाइट की तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद लाकडाउन के दौरान वायु प्रदूषण कम होने की बात कही है। संस्था ने 2018, 2019 और 2020 की तस्वीरों का अध्ययन करने पर पाया कि लाकडाउन के दौरान भारत के ऊपर के आकाश में काले बादल कम हुए थे। ये बादल और धुंध वातावरण में कार्बन मोनो आक्साइड और नाइट्रोजन डाई आक्साइड के कारण बनती है।
इन्वायरमेंट साइंस एंड पाल्यूशन रिसर्च नाम की पत्रिका में प्रकाशित संस्था की रिपोर्ट के अनुसार लाकडाउन हटने के बाद मध्य-पश्चिमी और उत्तर क्षेत्र के ऊपर के आकाश पर 31 प्रतिशत ज्यादा कार्बन मोनो आक्साइड का जमावड़ा पाया गया। यह अध्ययन संस्था के नैनीताल स्थित मुख्यालय में विज्ञानी प्रज्ज्वल रावत डा. मनीष नाजा ने किया। विज्ञान एवं तकनीक मंत्रालय ने कहा है कि वातावरण में घुली इन जहरीली गैसों के कारण जीवधारियों के श्वसन तंत्र को भारी नुकसान होता है। साथ ही आंखें और त्वचा भी प्रभावित होती हैं।