दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका के बयान के एक दिन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिकी डिप्लोमैट ग्लोरिया बर्बेना को तलब किया। वे दोपहर 1:10 बजे विदेश मंत्रालय पहुंचीं। बैठक 40 मिनट चली। दरअसल, जर्मनी के बाद अमेरिका ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे पर बयान दिया था। शराब नीति घोटाला मामले में ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था।
विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के बयान का विरोध भी किया। कहा, ‘भारत में कानूनी कार्रवाई पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान गलत है। कूटनीति में उम्मीद की जाती है कि देश एक-दूसरे के आंतरिक मसलों और संप्रभुता का सम्मान करेंगे।’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर 2 देश लोकतांत्रिक हों तो इसकी उम्मीद और बढ़ जाती है, नहीं तो अव्यवस्था की स्थिति बन सकती है। भारत में कानूनी प्रक्रिया एक स्वतंत्र न्यायपालिका पर आधारित हैं। उस पर कलंक लगाना या सवाल उठाना स्वीकार नहीं किया जाएगा।’