पश्चिम बंगाल में बुधवार को 190 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले चक्रवाती अम्फान के कारण भारी तबाही हुई और कम-से-कम 10 से 12 लोगों की मौत हो गई। चक्रवात दोपहर में करीब ढाई बजे पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा। चक्रवात के कारण तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही हुई, बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ।बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘बंगाल का इतना नुकसान हुआ है कि उसे शब्दों में नहीं बयान किया जा सकता। कम से कम 10 से 12 लोगों की मौत हुई है। नुकसान कितना हुआ इसका अंदाजा लगाने में अभी कुछ दिन लगेंगे।
अधिकारियों के अनुसार चक्रवात आने से पहले पश्चिम बंगाल और ओडिशा में कम-से-कम 6 लाख 58 हजार लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर पहुचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे थी। एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा और उत्तरी 24 परगना जिले में पेड़ उखड़ने से दो महिलाओं की मौत हो गई।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस एन प्रधान ने नई दिल्ली में कहा कि ओडिशा में 20 टीमों को तैनात कर दिया गया है जबकि पश्चिम बंगाल में 19 टीमों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में एनडीआरएफ की टीमों ने सड़कों को साफ करने का अभियान शुरू कर दिया है। वहीं पश्चिम बंगाल में तैनात टीमों ने भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में करीब पांच लाख लोगों को और ओडिशा में करीब 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
इस बीच मौसम विभाग ने तूफान के आगे के रास्ते का पूर्वानुमान जारी किया। इसके मुताबिक, अम्फान गुरुवार सुबह 5.30 बजे के आसपास 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बांग्लादेश पहुंच जाएगा। फिर बांग्लादेश की सीमा से निकलकर मेघालय और असम में जाकर खत्म हो जाएगा। टीवी फुटेज में दीघा तट पर समुद्र की काफी ऊंची लहरें दिख रही हैं। भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया जबकि कच्चे मकान गिर गए या क्षतिग्रस्त हो गए।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने प्रधान के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उत्तरी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में 160-170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। हवाओं की गति बढ़कर 185 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि चक्रवात का सबसे घातक हिस्सा तट पर पहुंचा गया है जिससे तीनों जिलों में भारी बारिश हुई। तूफान के केंद्र का व्यास 30 किमी का था।
कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर में खपरैल मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए। बिजली के खंभे टूट गए या उखड़ गए। यहां 5,500 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, 1 व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 2 लोग जख्मी हो गए। भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया। चक्रवात देर शाम तक कोलकाता पहुंचा और 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने लगीं।
चक्रवात के कारण ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। महापात्र ने कहा कि चक्रवात बुधवार देर रात तक ओडिशा से आगे बढ़ जाएगा लेकिन उस समय तक खड़ी फसलों, पेड़ों और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में पांच मीटर तक का ज्वार उठ सकता है जो 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों को जलमग्न कर सकता है। भद्रक जिले के समुद्र तटीय गावों से 218 गर्भवती महिलाओं को निकालकर स्वास्थ्य केंद्र शिफ्ट किया गया। मंगलवार और बुधवार को इनमें 60 महिलाओं के प्रसव हुए। पश्चिम बंगाल में गुरुवार तक तेज हवाएं और बारिश के जारी रहने का अनुमान है। असम और मेघालय में भी बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल में नदिया और मुर्शिदाबाद पार करने के बाद देर रात तक चक्रवाती तूफान के कमजोर होने की उम्मीद है। बाद में इसके कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।