
उत्तर प्रदेश का कुख्यात गैंगस्टर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर में पकड़ा गया। वह महाकाल मंदिर के फैसिलिटी सेंटर पर अपना बैग रखने के बाद शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपये की रसीद कटवाई। मंदिर में एक सिक्यूरिटी गार्ड को शंका होने पर उसे पुलिस चौकी लेकर आए थे। यहां पूछताछ शुरू होते ही उसने कहा- हां मैं विकास दुबे कानपुर वाला हूं। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी इस मामले में ज्यादा जानकारी नहीं दे रहे। आइजी राकेश गुप्ता, एसपी मनोज सिंह सहित कुछ अन्य अफसर उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं।
महाकाल मंदिर में गुरुवार सुबह 7.45 बजे दुबे की गिरफ्तारी हुई। मगर वह करीब 7 बजे ही मंदिर परिसर में पहुंच चुका था। इन दिनों महाकाल दर्शन के लिए एक दिन पूर्व अग्रिम बुकिंग कराना होती है। मगर हाल में ही प्रशासन की ओर से 250 रुपये की रसीद से दर्शनार्थियों को सीधे प्रवेश दिया जा रहा है। दुबे ने यही रसीद कटवाई। यहां उसने अपना सही नाम नहीं बताया। जब वह दर्शन कर लौट रहा था तो एक सुरक्षाकर्मी को शक हुआ। इस पर उसे मंदिर परिसर स्थित महाकाल चौकी में लाया गया। यहां पूछताछ शुरू होते ही दुबे ने अपनी पहचान बता दी। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों को सूचना दी गई। एसपी मनोज सिंह खुद उसे गिरफ्तार कर कंट्रोल रूम ले गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में दुबे कई कहानियां गढ़ रहा है। वह उज्जैन गुरुवार सुबह साबरमती एक्सप्रेस से पहुंचा था। यह ट्रेन 5.45 पर उज्जैन आई थी। पुलिस अधिकारी दुबे को लेकर कोई भी जानकारी देने से बच रहे हैं।
दुबे की इस तरह गिरफ्तारी से कई सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल महाकाल मंदिर परिसर में चप्पे-चप्पे पर कैमरे लगे हैं। विकास दुबे का इस तरह आराम से मंदिर में पहुंचना और फिर गिरफ्तार होने से कई तरह की चर्चाएं हैं। चर्चा है कि उसकी गिरफ्तारी हुई है या सरेंडर इस पर सवाल खडे हो रहे हैं।