बंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के सीनियर एडवाइजर और शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. तपन मिश्रा ने आरोप लगाया है कि उन्हें तीन साल में तीन बार जान से मारने की कोशिश की गई। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में इसका खुलासा किया है कि बाहरी लोग नहीं चाहते कि इसरो, इसके वैज्ञानिक आगे बढ़ें और कम लागत में टिकाऊ सिस्टम बनाएं। डॉ. मिश्रा ने इसे तंत्र की मदद से किया अंतरराष्ट्रीय जासूसी हमला बताया है। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई की रहस्यमय मौत का हवाला देकर केंद्र सरकार से जांच की मांग की है। डॉ. तपन मिश्रा फिलहाल इसरो में वरिष्ठ सलाहकार के तौर पर काम कर रहे हैं। 31 जनवरी को वह रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने फेसबुक पर लॉन्ग केप्ट सीक्रेट नाम से एक पोस्ट में यह दावा किया कि जुलाई, 2017 में गृह मामलों के सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मुलाकात कर आर्सेनिक जहर दिये जाने के प्रति उन्हें सावधान किया था।
पोस्ट में मिश्रा ने लिखा
बहुत दिन यह रहस्य छुपाया रहा। आखिरकार इसे सार्वजनिक करना पड़ रहा है। पहली बार 23 मई 2017 को बेंगलुरु मुख्यालय में प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान आॅर्सेनिक ट्राइआॅक्साइड दिया था। इसे संभवत: लंच के बाद डोसे की चटनी में मिलाया गया था, ताकि लंच के बाद मेरे भरे पेट में रहे। फिर शरीर में फैलकर ब्लड क्लॉटिंग का कारण बने और हार्ट अटैक से मौत हो जाए। लेकिन मुझे लंच अच्छा नहीं लगा। इसलिए चटनी के साथ थोड़ा सा डोसा खाया। इस कारण केमिकल पेट में नहीं टिका। हालांकि, इसके असर से दो साल बहुत ब्लीडिंग हुई। साइंटिस्ट के मुताबिक, दूसरा हमला चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के दो दिन पहले हुआ। 12 जुलाई 2019 को हाइड्रोजन साइनाइड से मारने की कोशिश हुई। हालांकि, एनएसजी अफसर की सजगता से जान बच गई। मेरे हाईसिक्योरिटी वाले घर में सुरंग बनाकर जहरीले सांप छोड़े। तीसरी बार सितंबर 2020 में आर्सेनिक देकर मारने की कोशिश हुई। इसके बाद मुझे सांस की गंभीर बीमारी, फुंसियां, चमड़ी निकलना, न्यूरोलॉजिकल और फंगल इंफेक्शन समस्याएं होने लगीं। डॉ. मिश्रा पोस्ट में बताते हैं, दो साल से घर में कोबरा, करैत जैसे जहरीले सांप मिल रहे हैं। इससे निपटने के लिए हर 10 फुट पर कार्बोलिक एसिड की सुरक्षा जाली है। इसके बावजूद सांप मिल रहे हैं। एक दिन घर में एल अक्षर के आकार की सुरंग मिली, जिससे सांप छोड़े जा रहे थे। ये लोग चाहते हैं कि मैं इससे पहले मर जाऊं या मारा जाऊं, तो सभी रहस्य दफन हो जाएंगे। देश मुझे और मेरे परिवार को बचा लें।