टीवी पर रियलिटी शो देखते समय मन में आता है कि क्या ये रियलिटी शो सच में रियल होते हैं? क्या वो सच में सही होता है? इन सवालों का जवाब जानने के लिए मुंबई के गोरेगांव स्थित फिल्मिस्तान स्टूडियो लिए चलते हैं, वहां रियलिटी शो डांस दीवाने का सेट लगा था। वहां क्रिएटिव डायरेक्टर्स और कुछ कंटेस्टेंट से बातचीत में पता चला कि रियलिटी शो स्क्रिप्टेड नहीं होता, बस कुछ चीजें पहले से मैनेज होती हैं। रियलिटी शोज में ऑडियंस को पैसे देकर बुलाया जाता है। 500 से 1000 रुपए प्रति व्यक्ति दिए जाते हैं। इन्हें 12 घंटे तक पूरा शो बैठकर देखना होता है।
क्रिएटिव डायरेक्टर अरविंद ने बताया कि शो की शूटिंग हफ्ते में एक ही दिन होती है। एक दिन में दो एपिसोड की शूटिंग होती है। एक दिन में 12 घंटे की शिफ्ट लगाई जाती है। जज से लेकर ऑडियंस को 12 घंटे बिना कहीं इधर-उधर गए नॉनस्टॉप टाइम देना होता है। बीच में कुछ देर का लंच टाइम होता है। प्रोडक्शन टीम की यही कोशिश रहती है कि लंच के पहले एक एपिसोड और लंच के बाद एक एपिसोड की शूटिंग हो जाए। ऑडियंस को इनवाइट किया जाता है। ये साधारण लोग नहीं होते। इनका भी एक एसोसिएशन होता है। ऑडियंस में कई लोग ऐसे होते हैं, जो पिछले 10 साल से किसी न किसी शो में दर्शक बनकर पहुंचते रहते हैं। हमारे शो में करीब 70 लोग गेस्ट के तौर पर बैठे रहते हैं। ऑडियंस में बैठे रहने के लिए 500 से 1000 रुपए एक व्यक्ति को दिए जाते हैं।