छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बैकुंठपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत तलवापारा गेज नदी तट पर फेंके जा रहे मेडिकल वेस्ट पर रोक नहीं लग पा रही। यहां निजी अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट कचरा फेंका गया है। अस्पताल का कचरा या मेडिकल वेस्ट नदी तट से उड़कर नदी के पानी में पहुँच रहा है। इससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। गेज नदी के पानी को नगरपालिका बैकुंठपुर द्वारा फिल्टर कर पूरे शहर में पीने के इस्तेमाल के लिए सप्लाई किया जाता है। उस पानी के साथ लापरवाही लोगों के स्वास्थ के साथ बड़ा खेलवाड़ भी कर सकती है।
गेज नदी तट के स्थानीय लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं। ग्राम पंचायत तलवापारा में गेज नदी तट को नगर पालिका प्रशासन बैकुंठपुर ने कचरा डंपिंग यार्ड बनाया है। नियमानुसार कचरा एसएलआरएम सेंटर में ले जाना होता है। नदी तट पर कचरा फेंकने से जहां गंदगी के साथ बदबू फैल रही है। वहीं, मवेशी गंदगी को फैला रहे हैं। कचरों के ढेर में नगर पालिका के गोठान में रहने वाले गायों का झुंड भी प्लास्टिक खाते नजर आ रहे हैं जिससे गायों के बीमार होने का खतरा भी बना हुआ है।
नगर पालिका के एसएलआरएम सेंटर में कचरा निस्तारण की व्यवस्था ठप है। मशीनें बंद पड़ी है। कचरा सीधा नदी तट पर डंप कर फेंक दिया जाता है जिसे बाद में आग लगा देते हैं। इससे स्वच्छ भारत मिशन के सारे दावों की पोल खुल रही है। इस विषय में स्वास्थ विभाग के अधिकारी ने कहा आरएस सेंगर ने माना कि ऐसा होना स्वास्थ के साथ नुकसानदायक हो सकता है और मेडिकल बेस्ट कचरा को अन्य कचरे के साथ नही मिलाना चाहिए।