
कांकेर में आबादी वाले इलाके के बाद अब भालू के निशाने पर कंकालीन मंदिर भी आ गया। भालू मंदिर का दरवाजा तोड़ नारियल और तेल को अपना खुराक बना रहे हैं। मंदिर में भालुओं की आमद से मंदिर समिति भी परेशान है।
सप्ताह में दूसरी बार भालुओं ने मंदिर का दरवाजा तोड़ा और नारियल लेकर फरार हो गया। सूचना के बाद भी वन विभाग ने अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की। पुजारी ने कहा कि शायद प्रशासन को किसी हादसे का इंतजार है। भालू लगातार मंदिर में आ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है।
मंदिर समिति ने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गई है। पुजारी ने कहा कि विभाग को किसी बड़े हादसे का इंतजार है, जबकि समस्या बढ़ती जा रही है। यह घटना कंकालीन मंदिर के आसपास की है, जहां भालुओं का आना स्थानीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गया है।