महिलाएं परिवार की महत्वपूर्ण कड़ी होती हैं तो समाज की मुख्यधारा भी हैं। परिवार और समाज के विकास में उनकी बराबर की भागीदारी है। इसके बावजूद वे आर्थिक रूप से पुरुषों पर निर्भर रही हैं। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आधी आबादी को भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने संकल्प लिया। यह महिलाओं के लिए एक नई सुबह थी। सुबह को बिहान भी कहा जाता है। यही कारण रहा कि मुख्यमंत्री ने जब महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की योजना शुरू की तो इसका नाम “बिहान” रखा। हालांकि यह योजना केंद्र की राष्टीय ग्रामीण आजीविका मिशन की तरह है। इसके बावजूद कई मायनों में बिहान ने उसे पीछे छोड़ दिया है। इसका श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश वघेल की दूरदृष्टि को जाता है।
उन्होंने योजना को इस प्रकार बनाने में मदद की है, जो व्यावहारिक और लाभकारी साबित हो रही है। बिहान योजना मूल रूप से राज्य के ग्रामीण इलाकों में आजीविका की गारंटी विकल्प के रूप में सामने आई है। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में विभिन्न प्रकार के रोजगार का सृजन और आजीविका के नए संसाधन पैदा किए जा रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्धारा चलाई जा रही इस योजना को केंद्र की राष्ट्री य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समर्थन और सहायता प्राप्त है। इस योजना के तहत राज्य के ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बना कर रोजगार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
इसके सफलतापूर्वक संचालन के लिए सभी जिलों में रूबर्न विशेषज्ञ, डाटा इंट्री ऑपरेटर सह लेखपाल, क्षेत्रीय समन्वयक भर्ती पद, भृत्य पात्र, लेखा सह एमआईएस और कार्यालय सहायक डाटा इंट्री ऑपरेटर के पदों पर नियुक्ति की जाती है। वे समूह गठन में सहायता और मार्गदर्शन करते हैं । वे महिलाओं को पहले प्रशिक्षण देते हैं। प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन प्रत्येक जिले में किया जाता है। इन शिविरों में स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय महिलाओं को 14 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है। शिविरों में स्वयं सहायता समूहों को साप्ताहिक बैठक, संपूर्ण टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, सुपोषित परिवार, बचत, आंतरिक लेन-देन, उधार वापसी, हिसाब-किताब संधारण, खुले में शौच मुक्त परिवार, सुनिश्चित परिवार, नशामुक्त परिवार से संबंधित जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
इसके बाद उन्हें कृषि सखी, पशु सखी, बैंक सखी, बैंक मित्र, महिला किसान क्रेडिट कार्ड, बकरी पालन समूह, मधुमक्खी पालन समूह, न्यू ट्री गार्डन प्रमोशन समूह के रूप में रोजगार उपलब्ध करवाए जाते हैं। योजना के अंतर्गत बिहान बाजार भी संचालित किये जा रहे हैं। इनमें महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा बनाये गए उत्पादों के साथ रोजमर्रा के जरूरी सामानों की बिक्री की जाती है। बिहान का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि कर सालाना 1 लाख रुपये के पार ले जाना है। इस अलावा विकास और रोजगार के लिए अधोसरंचना उपलब्ध कराना, प्रत्येक निर्धन परिवार से कम से कम 1 महिला को अनिवार्य रूप से बिहान के तहत संचालित स्वयं सहायता समूह से जोड़ना है। बिहान योजना शानदार साबित हो रही है। इसके लांच होने के बाद से ही राज्य की महिलाओं में आत्मतनिर्भरता का गुण पैदा हुआ है। महिलाओं में आर्थिक सशक्तीकरण के साथ क्रांतिकारी बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं।