बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया। मगर मंत्रिमंडल विस्तार में भूमिहारों का प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर बगावत शुरू हो गई है। इसका सबसे पहला साइड इफेक्ट बिहार भाजपा में नजर आया। मंत्रिमंडल में में जगह नहीं मिलने से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दो-दो उप मुख्यमंत्री बनाए, लेकिन सवर्ण समाज को एक भी पद नहीं दिया।
सवर्ण समाज और वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए ज्ञानू ने अपने साथ 15 विधायकों के होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि वह समय आने पर फैसला करेंगे। साथ ही नेतृत्व को चेतावनी दी कि उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया तो भाजपा गंभीर परिणाम भुगतेगी।
बकौल ज्ञानू मगध परिक्षेत्र में भूमिहारों की उपेक्षा हुई है। कैबिनेट में पूरे शाहाबाद और मगध परिक्षेत्र से एक भी भूमिहार को शामिल नहीं किया गया है। ज्ञानू बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। चुनावी इतिहास रहा है कि वहां लगातार दो बार से ज्यादा कोई विधायक नहीं रहा। भूमिहार समाज से आने वाले ज्ञानू कुछ वर्ष पहले जदयू से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए थे।