रायपुर। रायपुर में सोमवार को हुई लगभग एक घंटे की बारिश के बाद कई तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिली। दो अलग-अलग जगहों पर हादसे हो गए। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के बंगले की दीवार गिर गई। इस बंगले से कुछ ही दूरी पर अपर कलेक्टर की कार का एक्सीडेंट हो गया। पहली घटना सिविल लाइन इलाके की है। यहां सर्किट हाउस के पास गृहमंत्री और लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू का सरकारी बंगला है। सोमवार की शाम के वक्त अचानक बंगले के कर्मचारी बाउंड्री वॉल की तरफ भागे। उन्हें धड़ाम की तेज आवाज सुनाई दी। करीब आकर कर्मचारियों ने देखा कि बंगले की बाउंड्री वॉल का करीब 30 फीट का हिस्सा सड़क पर जा गिरा है। सड़क से ही बंगले का अंदरुनी हिस्सा नजर आने लगा। संयोग से कोई बाहर मौजूद नहीं था। लिहाजा इतनी बड़ी दीवार गिरने की वजह से कोई घायल हो सकता था।
विपक्ष का तंज
अब चूंकि मामला मंत्री के बंगले का है, प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी फटकार मिली है। मंत्री के बंगले की बाउंड्री वॉल की मरम्मत करने टीम लगा दी गई है। दिलचस्प बात ये है कि पिछले साल इस बंगले की दूसरी तरफ की दीवार भी गिरी थी। चूंकि ताम्रध्वज साहू प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री हैं, विपक्ष ने ये मौका नहीं छोड़ा, मूणत ने कह दिया कि जो मंत्री अपने बंगले का मेंटनेंस नहीं करवा पा रहे प्रदेश की सड़कों का क्या मेंटनेंस कराया होगा, समझा जा सकता है।
अपर कलेक्टर की गाड़ी क्षतिग्रस्त
मंत्री के बंगले से कुछ ही दूरी पर भगत सिंह चौक के पास एक और हादसा हो गया। यहां रायपुर के जिला प्रशासन के एक अफसर की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। गाड़ी पर अपर कलेक्टर रेड बोर्ड भी लगा था। इस कार ने सामने से आ रही दूसरी गाड़ी को टक्कर मारी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी का अगला पहिया टूटकर मुड़ गया। ड्राइवर गाड़ी को सड़क पर लावारिस छोड़कर भाग गया, बाद में पुलिस ने गाड़ी को हटवाया, कार किस अफसर की है, ये पता लगाया जा रहा है।
कुछ जिलों में अंधड़, धान की फसल को नुकसान की आशंका
मासून के जाने से पहले दक्षिण-पश्चिम मानसून छत्तीसगढ़ में जमकर बरस रहा है। सोमवार शाम को प्रदेश के अधिकांश जिलों में मध्यम स्तर की बरसात हुई। रायपुर में डेढ़ घंटों तक मूसलाधार पानी बरसा है। इसकी वजह से सड़कों पर नाले बहने लगे। अंधड़ के साथ आई बरसात से कवर्धा सहित कई जिलों में धान की फसल गिर गई है। इसकी वजह से उनको बालियों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। सोमवार को दिन की शुरूआत तीखी धूप से हुई। दोपहर दो बजे के बाद मौसम बदलना शुरू हुआ। दक्षिण से बादल घिरने शुरू हुए। साढ़े तीन बजे तक ये बादल पूरे शहर पर छा गये। पौने चार बजे से साढ़े पांच बजे तक मूसलाधार बरसात हुई। इसकी वजह से सड़कों पर विजिबिलिटी बेहद कम हो गई थी। इसकी वजह से सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही भी कम हो गई थी। बाद में देर तक रिमझिम बरसात होती रही। इस बरसात की वजह से कई जगह सड़कों पर जल भराव हुआ है। निचली बस्तियों में पानी भर जाने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाजारों में लोग दुकान नहीं लगा पाए। इसकी वजह से दिक्कतें बढ़ी हैं। प्रदेश में सरगुजा और बस्तर संभाग के कुछ जिलों को छोड़कर यह बरसात हर जिले में हुई है। मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि रात में बस्तर संभाग के जिलों में तेज बरसात हो सकती है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई रेखा लुमडिंग, कैलाशहर ,बहरामपुर, कान्के, बिलासपुर, ब्रह्मपुरी, बुलढाणा और दहानू तक है। अभी मानसून की विदाई की अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं। इसकी वजह से अगले दो दिन में प्रदेश के कुछ और भागों से मानसून की विदाई संभव है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया, प्रदेश में बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त मात्रा में नमी आ रही है। इसके कारण मध्यम स्तर की बरसात की संभावना कई इलाकों में बनी हुई है। मंगलवार को भी एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात भी हो सकता है। लगातार बारिश होते रहने से सब्जियों की खेती को काफी नुकसान पहुंचा है। उद्यानिकी अधिकारियों का कहना है कि सब्जियों की खेती में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। उसके लिए सुस्क और नमीदार मिट्टी की जरूरत होती है। लगातार बारिश होने से फसलें खराब हो रही है। वहीं धान की फसल को अभी कोई नुकसान नहीं बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अक्टूबर महीने में जो बादल बनते हैं, उनके साथ खतरे कुछ अधिक हैं। इसमें बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में खुले आसमान के नीचे काम कर रहे लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है। बरसात के साथ बवंडर उठता है। इससे कच्चे मकानों और फसलों, पेड़ों और फलों को नुकसान पहुंचता है। छत्तीसगढ़ में इसी महीने से धान की कटाई शुरू होती है। पानी बरसने से फसल गीली हो जाती है और उसमें अंकुरण होने लगता है।