मणिपुर में कूकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जातीय हिंसा जारी है। इस हिंसा में अब तक 98 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 310 घायल हुए हैं। वहीं, 37 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविर में भेजे गए हैं। हिंसा प्रभावित से 11 जिलों में कर्फ्यू भी लगाया गया है। ताजा हिंसा में घायल एक BSF जवान रंजीत यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह 29 मई को चार दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचे थे।
शाह ने कहा था कि अफवाहों पर ध्यान न दें। हथियार रखने वालों को पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा। 2 जून से सर्च ऑपरेशन शुरू होगा। किसी के पास हथियार मिले तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उपद्रवियों ने हथियार सरेंडर करना शुरू कर दिए थे। 5 मई को सर्च ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोगों और जवानों के बीच गोलीबारी हुई थी। इसमें BSF जवान घायल हो गया था। इसके अलावा असम राइफल्स के भी दो जवानों को गोली लगी है। इन्हें एयरलिफ्ट कर मंत्रीपुखरी ले जाया गया।
इससे पहले हिंसा में काकचिंग जिले के सेरो गांव में कुछ लोगों ने 100 घरों में आग लगा दी थी। इसमें कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह का घर भी शामिल है। अमित शाह के दौरे के बाद सुरक्षाबल राज्य में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। 5 मई को 790 हथियार और 10,648 गोला-बारूद बरामद किए गए। ये हथियार 3 मई को भड़के जातीय दंगों के दौरान पुलिस से लूटा गया था।