गुरुर । गुरूर क्षेत्र में सिंचाई विभाग की लापरवाही देखने को मिल रही है। मामला चोरहा नाला का है। जो लगातार आए दिन बाढ़ से फूट रहा है। जिसकी सही तरीके से मरम्मत हो पा रही है ना अफसरों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण किसानों में जमकर आक्रोश पनप रहा है। बार-बार नहर फूटने से किसानों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ा है। तो वही खेतों की ओर आवागमन भी बाधित होता है। संबंधित अधिकारी इस दौरान झांकने को भी नहीं आते हैं। इसकी वजह से बिना तकनीशियन के यहां मरम्मत होती है पर वह ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाती है। और यही वजह है कि बार-बार बरसात के मौसम में यह नाला फूटकर बह जाता है। इसकी प्रमुख वजह क्षमता से ज्यादा पानी छोडऩा भी बताया जाता है। नहर में 400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिससे यह नाला फूट गया।
ग्रामीणों ने बताया कि यह चोरहा नाला की नहर लगभग 1974-75 में बनाया गया था जो अब काफी कमजोर हो चुका है। यहां नई नहर लाइनिंग बनाने की जरूरत है। लेकिन सिंचाई विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। नहर फूटने से अभय राम साहू का खेत पूरी तरह पट गया है। जिनसे उनका फसल नुकसान हो गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं टूटी हुई नहर को विभाग के चतुर्थ श्रेणी के मजदूरों के भरोसे मरम्मत चल रही है। मजदूर अपनी जानकारी तक जितना जानते हैं उस हिसाब से मरम्मत कर पाते हैं लेकिन अधिकारी यहां झांकने को नहीं आते हैं। बार-बार नहर फूटने से किसान परेशान है तो वहीं विभाग के स्वयं कर्मचारी मजदूर भी हलाकान हो गए हैं।
कहां पर है यह चोरहा नाला
गुरुर इरिगेशन विभाग से 31 किलोमीटर दूरी पर बाए साइड चोरहा नाला है जहां पर आए दिन बार-बार यह नहर फूट जाती है सही निरीक्षण ना होने और बरसात के मौसम में जरूरत से ज्यादा पानी छोडऩे से बार-बार ये दिक्कत होती है। नहर भी काफी पुरानी व जर्जर हो गई है।