भानुप्रतापपुर । शासन की महत्वपूर्ण नरवा योजना में वन विभाग के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस योजना के तहत लाखों की लागत से नदी नालों में चेक डेम बनाने का कार्य वन विभाग कर रहा है, लेकिन इनके कार्यों में गुणवत्ता नहीं होने के चलते ये लाखों रुपये के चेक डेम पानी में बह रहे हैं।
वहीं इस कार्य में लगे मजदूरों को अब तक मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है। मजदूरों ने जल्द भुगतान न होने पर आंदोलन की बात कही है। यह मामला कोरर वन परिक्षेत्र का है। कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे अधिकारियों का कहना है कि मजदूरी के लिए 3 लाख रुपये जारी हुए हैं। व्हाउचर कार्यालय में जमा हो गया है चेक कटते ही सबका भुगतान हो जाएगा। ज्ञात हो कि कांकेर वनमण्डल के कोरर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम रानडोंगरी के गावड़े पारा में वन विभाग के द्वारा 14 लाख की लागत से चेक डैम बनाया है। इसकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि पहली ही बारिश में ही चेक डेम बहने लगा है। डेम के साइड वॉल में ठीक से पिचिंग नहीं की गयी है और बेस भी ठीक से नहीं किया गया है जिसके चलते मिट्टी का कटाव हुआ और पानी रिसने लगा। जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु शासन द्वारा लाखों की राशि नरवा योजना में खर्च की जा रही है वह पूरा करने में वन विभाग नाकाम दिख रहा है। चेक डेम निर्माण कार्य में लगे मजदूर सुरुज लाला, सदा राम आंचला, देवराज दुग्गा, अघन मांडवी, साधु राम आंचला, अनिल कुमार आंचला, सखा राम दुग्गा आदि ने बताया कि वन विभाग ने ठेकेदार को चेक डेम का निर्माण कराने कार्य दिया था। शासकीय मजदूरी दर 315 रुपये है पर ठेकेदार ने सरकारी दर से भी कम दर पर मजदूरी कार्य कराया और आज तक उनकी मजदूरी भी नहीं दिया है। अधिकरियों से कहने पर सन्तोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। जल्द ही मजदूरी नहीं मिलती तो हमारे द्वारा आंदोलन किया जाएगा।