मेन्टेंस पर भी खर्च नहीं कर रही सरकार, जर्जर हो रहे भवन और सड़क
रायपुर। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने स्मार्ट सिटी परियोजना की खस्ताहाल पर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. शहर के शासकीय भवन, सड़को की जर्जर हालत पर भी चिंता व्यक्त की, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए मिले पैसे का खुला दुरुपयोग हो रहा है. सरकार की प्राथमिकता में अधोसंरचना विकास नहीं है.कांग्रेस की सरकार बनते ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के सारे प्रोजेक्ट अटक गए है. दो साल में कांग्रेस सरकार ने स्मार्ट सिटी के तहत कोई काम नहीं किया है, गली-मोहल्ले की नालियों में स्मार्ट सिटी का पैसा अपव्यय किया जा रहा है.
पूर्व मंत्री मूणत ने शनिवार को भाजपा कार्यालय ‘एकात्म परिसर’ में एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मूणत ने खुला आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी के तहत 1700 करोड़ के प्रोजेक्ट बनाए थे, जिसमें 800 करोड की स्वीकृति मिली है,उसमें से कांग्रेस सरकार ने केवल 237 करोड़ रुपए ही खर्च किए है. यह राशि भी वहां खर्च की गई जहां आवश्यकता नहीं है. तालाब और चौक का सौंदर्यीकरण स्मार्ट सिटी के पैसे से कराया जा रहा है. कांग्रेस सरकार ने 10 किमी की सड़क का टेंडर जारी किया, मगर यह नहीं बताया गया कि वह कौन सी सड़क है? उन्होंने कहा कि नाली -रोड का काम गली मोहल्ले में करवा रहे है, जो स्मार्ट सिटी की परिकल्पना से कोसों दूर है.उन्होंने सवाल किया कि यह पैसा गली- मोहल्ले में खर्च करने के लिए मिला है क्या?
मूणत ने बताया कि पूर्ववती भाजपा सरकार ने एक नया शहर बसाने नया रायपुर में स्मार्ट सिटी की परिकल्पना की थी. 60 किमी की परिधि में निर्माण की परिकल्पना की गई.2014 में मंत्रालय और इंद्रावती भवन शिफ्ट हो गए है, रेलवे ट्रैक बिछाने का काम शुरू किया, मगर इन दो सालों में यह काम भी इतनी धीमी गति से चल रहा है, 10प्रतिशत भी काम नहीं हुए. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में अधोसंचरना विकास नहीं है,प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो पांच लाख मकान छत्तीसगढ़ को मिले थे,वह नया रायपुर के अंदर भी था, डेढ़ लाख की सब्सिडी केंद्र सरकार द्वारा लोगों को मिलनी थी, मगर वह नहीं मिली आखिर यह किसकी जिम्मेदारी है. मूणत ने स्मार्ट सिटी पैसे का अपव्यय पर चिंता जाहिर करते हुए भाजपा द्वारा लगातार विरोध करने की चेतावनी दी.
स्मार्ट सिटी योजना में अब तक क्या हुआ
राजेश मूणत ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत केंद्र और राज्य का अंश 50-50 प्रतिशत रहता है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट एक कंपनी है,उस कंपनी का एक सीईओहोता है, मैनेजिंग डायरेक्टर होता है,वह कमिश्नर है.स्मार्टसिटीके तहत जितने भी प्रोजेक्ट है, वह बोर्ड आफ डायरेक्टर से पास होता है. बोर्ड आफ डायरेक्टर से पास होने के बाद राज्य शासन को भेजा जाता है, राज्य शासन फिर केंद्र सरकार को भेजती है. उसके बाद केंद्र सरकार प्रोजेक्ट को स्वीकृति देती है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में चाहे यूपीए की सरकार हो या एनडीए की कुल 1700 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था. उसमें केंद्र सरकार ने स्वीकृति भी दी. मगर कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार से संशोधन की अनुमति मांगी, केंद्र सरकार ने संशोधन की अनुमति भी दे दी. मगर उसके बाद भी सरकार कुछ नहीं कर पा रही.
400 करोड़ की बननी थी सड़के
राजेश मूणत ने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पुराने रायपुर के भीतर 400 करोड़ रुपए की स्मार्ट रोड बनना था.मगर दो साल में एक रोड नहीं बना पाए है. इसी तरह बीआरटीएस बस के लिए तेलीबांधा में बनाए गए बस स्टॉप तोड़ दिया गया. बूढातालाब का लोकार्पण स्मार्ट किए, वहां जो सौंदर्यीकरण हुआ,वह स्मार्ट सिटीके पैसेसे हुआ. उन्होंने आरोपलगाया कि यह सरकार केवल फोटो लगाकर पुराने कामों को दिखाकर वाहवाही बस लूट रही है. नया बस स्टैंड बनकर तैयार है, दो साल से लोकार्पण कीराह देखरहा है. मूणत ने स्मार्ट सिटी के सभी कामों के आडिट और मूल्यांकन की मांग भी की.
मरम्मत तक नहीं हो रही
राजेश मूणत ने कहां कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी की कल्पना की और नया रायपुर में एक नया नगर बसाया. जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि एक शहर बसाना आसान नहीं होता है. जिन कल्पनाओंके साथ नया रायपुर की स्थापना की गई थी,उसमें ठहराव आ गया है.सामान्य रूप से गार्डनिंग, सौंदर्यीकरण, हाउसिंग प्रोजेक्ट जैसे तमाम काम अटके पड़े है. मंत्रालय की बिल्डिंग की पोताई तक नहीं करवा पा रहे है. पपड़ी उखड रही है, उन्होंने बताया कि नया रायपुर के सड़क के किनारे वॉल का काम चलरहा है, जो घटिया स्तर की क्वालिटी की बनाईजा रही है,उसकी जरूरत ही नहीं था. मेन्टेंस केलिए बजट में प्रावधान रखते है, मगर मेन्टेंस के लिए पैसा नहीं देते है.केवल तनख्वाह बांटने के लिए कोई काम नहीं हो रहा है.
अधोसंचना विकास प्राथमिकता में नहीं
राजेश मूणत ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की नया रायपुर की परिकल्पना पर भी प्रकाश डाला.उन्होंने कहा कि 60 किमी की परिधि में पूरे देश में जितनी भी संस्थाएं है, उसके मुताबिक काम हुए.लॉ यूनिवर्सिटी से लेकर हाउसिंग प्रोजेक्ट, रेलवे टैक सभी शामिल किए गए. जिसकी पूरे देश में चर्चा हुई. मगर कांग्रेस सरकार में अधोसंरचना विकास प्राथमिकता में नहीं है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में जितने भी काम शुरू हुए, वह आज तक अधूरे है. अभी भी पूर्ण करने के लिए कांग्रेस सरकार कटिबद्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने जितना पैसा छत्तीसगढ़ को दिया है,उसका उपयोग तक नहीं कर पाई. यह दुखदपूर्ण स्थिति है. एक शहर की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सब कुछ लगाया. पूरे देश में चर्चा हुई. मगर यह सरकार केवल फोटो छपवाना उचित समझती है. एक तरफ सरकार कहती है कि पैसा नहीं है, लेकिन पहले जहां तालाब का सौदंर्यीकरण हो चुका है, ढाई-ढाई फीट की वॉल बनी हुई थी, एक जैसे पत्थर के साथ स्टील की जाली लगी, इस कोने से उस कोने के साथ पारदर्शिता, उसे उखाड़कर सीमेंट की रेलिंग लगाई जा रही है. यह कैसे मेन्टेंस कार्य है.