भारत में चीता प्रोजेक्ट को लेकर कूनो के जंगल से सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों से भारत में 75 साल पहले विलुप्त हो चुकी यह प्रजाति न सिर्फ अस्तित्व में आई है, बल्कि उनकी यहां वंशवृद्धि भी हो रही है। प्रोजेक्ट को लेकर सबसे बड़ी चिंता चीतों के भारतीय जंगल के वातावरण में ढलने और वंशवृद्धि को लेकर ही थी।
विशेषज्ञों की मानें तो प्रोजेक्ट के सात माह से अधिक के सफर में दोनों चिंताएं दूर हो गई हैं। एक महाद्वीप (अफ्रीका) से दूसरे महाद्वीप (एशिया) में किसी वन्य जीव को बसाने के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर पूरे विश्व की नजर मध्य प्रदेश में श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान पर है। ऐसे में शासन, प्रशासन के साथ देसी व विदेशी विशेषज्ञ तक चीतों की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।