चीन ने दावा किया कि LAC पर भारत के साथ स्थिति सामान्य हैं। दोनों देशों ने LAC को लेकर एक-दूसरे की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए हल निकालने पर सहमति जताई है। दरअसल, भारत ने कहा था की चुशुल-मोल्डो बॉर्डर पॉइंट पर 21वें राउंड की कॉर्प्स कमांडर-लेवल बैठक में चीन ने देपसांग और डेमचोक के ट्रैक जंक्शन से सेना हटाने की भारत की मांग को ठुकरा दिया।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा- 19 फरवरी को दोनों देशों के बीच 21वें राउंड की कॉर्प्स कमांडर लेवल मीटिंग हुई थी। इस दौरान भारत-चीन के बीच सकारात्मक बातचीत हुई। बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ। इस पर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- यह झूठ है। चीन के लिए दोनों देशों के बीच मिलिट्री रिलेशन्स बेहद अहम हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भारत-चीन मतभेदों को सुलझाने और आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करते रहेंगे।
कुछ दिन पहले हुए INDUS-X समिट में भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा था- चीन दादागिरी कर रहा है और भारतीय सेना बॉर्डर पर डटकर उसका सामना कर रही है। लद्दाख में मई 2020 में चीन के साथ हुए संघर्ष के बाद से अमेरिका ने खुफिया जानकारी और इक्विपमेंट के जरिए हमारी काफी मदद की है।