पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक डेमचोक में भारतीय चरवाहों को चीनी सैनिकों द्वारा रोके जाने की खबर है। चीनी सैनिकों ने डेमचोक इलाका चीन का होने की बात कहकर भारतीय चरवाहों को वहां से जाने और फिर कभी न आने के लिए कहा है। चीन के सैनिकों ने यह हरकत 21 अगस्त को की है। भारतीय सेना ने इस मसले पर चीन से बात की है।
पता चला है कि चीन के सैनिकों ने भारतीय चरवाहों को जिस जगह जाने से रोका है वहां पर क्षेत्र के ग्रामीण सदियों से जाते-आते थे और अपने जानवर चराते थे। वह इलाका पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में था। लेकिन पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बने तनाव के बीच पहली बार इस तरह की घटना हुई है। वैसे डेमचोक क्षेत्र में चीनी सेना के आगे आने को लेकर दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है लेकिन चीनी सैनिकों ने अब उससे आगे आते हुए भारतीय चरवाहों को रोका है।
चीन के सैनिकों ने जिस क्षेत्र को अपना बताया है वह डेमचोक में सेडल दर्रे के नजदीक की जमीन है। मामला प्रकाश में आने के बाद क्षेत्र के भारतीय सैन्य अधिकारियों ने चीन के अपने समकक्षों से बात की है। भारतीय सेना ने साफ किया है कि इस मसले पर दोनों देशों के सैनिकों का आमना-सामना या टकराव नहीं हुआ है। यह वही इलाका है जहां पिछले दो साल से दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
यह स्थिति चीन के सैनिकों के आगे आ जाने और स्थायी निर्माण करने से पैदा हुई है। भारतीय सेना ने भी इलाके में भारी सैन्य तैनाती कर रखी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पाण्डेय और क्षेत्रीय कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी क्षेत्र का लगातार दौरा करके हालात का जायजा ले रहे हैैं।