अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बीते शुक्रवार को भारत और चीन के सैनिकों के बीच आमने-सामने का संघर्ष हुआ। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने तवांग सेक्टर में नौ दिसंबर को एलएसी पार करने की कोशिश की। इसका भारतीय सैनिकों ने पूरी ताकत से जवाब दिया। इस दौरान हुए संघर्ष में दोनों पक्षों के करीब 30 सैनिक घायल हुए। गंभीर रूप से जख्मी छह भारतीय सैनिकों का गुवाहाटी के 151 बेस अस्पताल में इलाज चल रहा है। एलएसी पर हुई इस झड़प के तुरंत बाद भारत और चीन के तवांग सेक्टर के सैन्य कमांडरों के बीच सीमा पर शांति बहाली के लिए फ्लैग मीटिंग भी हुई।
तवांग सेक्टर में एलएसी पर चीनी सेना की हरकतों के चलते दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष की पुष्टि करते हुए भारतीय सेना ने संक्षिप्त बयान दिया। कहा-” नौ दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी की सीमा को छुआ। इसका भारतीय सैनिकों ने पूरी ताकत और दृढ़ता से मुकाबला किया। इस आमने-सामने की झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं।” सेना की ओर से इस संघर्ष के दौरान घायल हुए भारतीय सैनिकों की संख्या के बारे में अभी नहीं बताया गया है। दिलचस्प यह है कि चीन की ओर से तो अभी तवांग की ताजा झड़प और इसमें घायल हुए अपने सैनिकों की तादाद को लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है।
पूर्वी लद्दाख में गलवन घाटी में 15 जून 2020 को एलएसी पर हुए खूनी संघर्ष के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीधे टकराव का यह दूसरा मौका है। गलवन के संघर्ष में कैप्टन संतोष बाबू समेत 20 भारतीय सैनिकों ने शहादत देते हुए चीनी सेना के मंसूबों को नाकाम कर दिया था और इसमें कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे। मगर चीन ने अभी तक केवल अपने पांच सैनिकों के मारे जाने की बात कबूली है।
एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में पीएलए की मई 2020 से अतिक्रमण की जारी कोशिशों को लेकर इसके बाद बढ़े टकराव के बीच ही सितंबर 2020 में पैंगोंग झील के इलाके में एलएसी पर चीनी सैनिकों ने गोलीबारी की घटना को भी अंजाम दिया था, जिसका भारत ने भी माकूल जवाब दिया। चीनी सेना ने फायरिग की अपनी इस हरकत के जरिए दोनों देंश्ाों की सीमा पर 45 साल से किसी भी तरह की गोलीबारी नहीं होने के समझौते को तोड़ा था।
गलवन के बाद पहली बार आमने-सामने की झड़प
अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमाओं पर चीनी सैनिकों की शरारतपूर्ण हरकतों की यह कोई पहली घटना नहीं है। लेकिन ताजा घटना इस लिहाज से गंभीर है कि गलवन के बाद पहली बार सैनिकों के बीच आमने-सामने की झड़प हुई है। वैसे अक्टूबर 2021 में भी यांगसे इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश की तो भारतीय सैनिकों ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया और फिर कुछ घंटों बाद दोनों देशों के बीच स्थापित तंत्र के बीच संवाद के बाद इन्हें छोड़ा गया। एलएसी पर चीन की जारी खुराफात की वजह से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं।
300 की संख्या में थे चीनी सैनिक
एलएसी से आ रही खबरों के अनुसार चीनी सैनिकों की संख्या करीब 300 थी। तवांग सेक्टर में करीब 17, 000 फीट की ऊंचाई पर हुई इस झड़प में चीनी सैनिक पूरी तरह से तैयार होकर आए थे। उन्हें ये आभास नहीं था कि भारतीय सैनिक पूरी तरह तैयार हैं। आमने-सामने की भिड़ंत में क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया और उन्हें खदेड़ डाला। भारतीय सेना ने अपने बयान में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी पर दोनों पक्ष अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं और 2006 से यह चलन है। नौ दिसंबर को चीनी सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी पर सीमा की मर्यादा को लांघने की कोशिश की और इसी दौरान ये टकराव हुआ।