रायपुर। असम और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने त्रिपुरा के स्थानीय चुनाव में भी छत्तीसगढ़ का एक मोर्चा बना दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश के दिग्गज नेता और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद चुनाव का सीनियर आॅब्जर्वर नियुक्त किया है। उन्हें चुनाव प्रबंधन और समन्वय की भी जिम्मेदारी दी गई है। रायपुर से भाजपा के सांसद रहे रमेश बैस अभी त्रिपुरा के राज्यपाल हैं। फिलहाल राज्यपाल शासन है और रमेश बैस ही टीटीएएडीसी के प्रमुख हैं। वहां 30 सदस्यीय त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद के चुनाव 4 अप्रैल को होंगे। इसके वोटों की गिनती 8 अप्रैल को होनी है। त्रिपुरा में फिलहाल विपक्ष में रही कांग्रेस सत्ता में वापसी की तैयारी कर रही है। त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद चुनाव का क्षेत्र प्रदेश के कुल आकार का करीब 68 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है। इन चुनावों में जीत का विधानसभा चुनाव में भी काफी महत्व होगा। परिषद में वामदलों के गठबंधन का बहुमत रहा है। अब कांग्रेस स्थानीय आदिवासी राजनीतिक दलों से गठबंधन कर इस चुनाव में उतरने की कोशिश में है। टीएस सिंहदेव की नियुक्ति संभवत: सहमति और समन्वय की राह बनाने के लिए ही की जा रही है। इससे पहले कांग्रेस गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव का सीनियर आॅब्जर्वर बना चुकी है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम में विधानसभा चुनाव का सीनियर आॅब्जर्वर बनाया गया है।
पिछले साल खत्म हुआ था परिषद का कार्यकाल
त्रिपुरा में इस स्वशासी जिला परिषद का कार्यकाल पिछले साल 17 मई को समाप्त हो गया था। कोविड-19 महामारी की वजह से चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। बाद में त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को 17 मई से पहले चुनाव कराने का निर्देश दिया था।
1982 में हुआ था परिषद का गठन
15 जनवरी, 1982 को संविधान की 5वीं अनुसूची के तहत परिषद का गठन किया गया था। आदिवासी परिषद को छठी अनुसूची के दायरे में लाने के लिए 23 अगस्त 1984 को संविधान में संशोधन किया गया। त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद में 7,132.56 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है, जो त्रिपुरा के क्षेत्र का दो-तिहाई है।