राजस्थान सरकार का संकट और गहरा गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच पैदा हुए मतभेद में आखिरकार कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री गहलोत के साथ खडी हो गई। अपनी शर्तोंपर अडे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कांग्रेस ने कडा रुख अपनाते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है। हालांकि इस संबंध में अभी सचिन पायलट या उनके समर्थकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं है। सूत्र बताते हैं कि पायलट बुधवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लेते हुए आखिर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है। इसके साथ ही पायलट समर्थक मंत्रियों को भी हटाया गया है। पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बाहर निकाला गया है।
पायलट के खिलाफ कार्रवाई के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक साजिश के तहत कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर गिराने की कोशिश की है। भाजपा धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की है। सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट भ्रमित होकर भाजपा के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने में लग गए।
उनहोंने कहा कि पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की। कांग्रेस की ओर से लगातार पायलट को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने लगातार हर बात को नकार दिया। हमारे पास इसका अलावा कोई चारा नहीं था।









