दुबई-संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने पर सामूहिक भागीदारी पर जोर दिया है। सीओपी28 (COP28) वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट में ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के दौरान पीएम मोदी ने ग्रीन क्रेडिट पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन के पीएम उल्फ क्रिस्टरसन, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति फिलिप जैसिंटो न्यूसी और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के साथ दुबई सीओपी28 के दौरान ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का वेब पोर्टल- लीडआईटी 2.0 (LeadIT 2.0) लॉन्च किया।COP28 वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, संयुक्त अरब अमीरात और भारत के संबंध काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और कार्बन उत्सर्जन जैसी परेशानी से निपटने के लिए काफी सक्रियता से काम करने की जरूरत है। उच्च स्तरीय कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ”जिस तरह हम जीवन में अपने हेल्थ कार्ड को महत्व देते हैं, उसी तरह हमें पर्यावरण के संदर्भ में भी सोचना शुरू करना होगा।” उन्होंने कहा, हमें देखना होगा कि पृथ्वी के स्वास्थ्य कार्ड में सकारात्मक बिंदु जोड़ने के लिए क्या किया जाना चाहिए? प्रधानमंत्री के अनुसार, “मुझे लगता है कि ग्रीन क्रेडिट यही है।” लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन (LeadIT) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्बन उत्सर्जन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, हम एक साझा प्रतिबद्धता – ग्लोबल नेट जीरो से जुड़े हुए हैं। नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने के लिए, सरकार और उद्योग की साझेदारी बेहद अहम है। उन्होंने औद्योगिक नवाचार को भी जरूरी करार दिया। पीएम मोदी ने कहा, धरती के सुरक्षित भविष्य के लिए, लीडआईटी सरकारों और उद्योग के बीच इस साझेदारी का एक सफल उदाहरण है। उन्होंने कहा, लीडआईटी 2019 में शुरू हुआ था। अब हमारा साझा प्रयास कम कार्बन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का है। उन्होंने कहा कि उद्योग परिवर्तन को बढ़ावा के साथ-साथ इनोवेशन को भी गति देने का प्रयास किया जा रहा है। इसका मकसद ग्लोबल साउथ को जल्दी और आसानी से क्लाइमेट चेंज की परेशानी से निजात दिलाना है।