रायपुर। एम्स या नेहरू मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में कोरोना वायरस के स्ट्रेन का पता लगाना संभव नहीं है। ये दोनों प्रदेश की बड़ी वायरोलॉजी लैब हैं जो कोरोना की परफेक्ट जांच कर रही हैं, लेकिन यहां केवल यही पता चलता है कि सैंपल पाजिटिव हैं या निगेटिव, और वायरल लोड कितना है। ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस म्यूटेंट यानी स्ट्रेन-2 का पता लगाने के लिए यहां से संबंधित पाजिटिव व्यक्तियों का सैंपल नेशनल वायरोलॉजी सेंटर, पुणे भेजना होगा। सैंपल फ्लाइट से पुणे भेजे जाएंगे। जांच रिपोर्ट 4 दिन में रायपुर आ जाएगी, लेकिन अगर पुणे की लैब में सैंपल का लोड ज्यादा हुआ तो देरी भी हो सकती है। यूके में वायरस के स्ट्रेन बदलने के बाद अब प्रदेश में भी इसकी चर्चा शुरू हो गई। मीडिया को संबंधित अधिकारी जो कोरोना से जुड़े हैं उनका कहना है कि यहां वायरस पर रिसर्च इसलिए संभव नहीं है। क्योंकि यहां जरूरी मशीन और रिसर्च करने वाले साइंटिस्ट नहीं हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में अब तक नहीं पता चल पाया कि कोरोना वायरस का स्ट्रेन कौन सा है? दरअसल यहां से अब तक स्ट्रेन जानने के लिए सैंपल ही नहीं भेजा गया है। मार्च में जब इक्का- दुक्का मरीज मिलना शुरू हुआ, तब सैंपल व ग्राफ पुणे भेजे गए थे। यह पता करने के लिए कि यहां जिस मशीन से जांच हो रही है. वह रिपोर्ट सही है या नहीं। यानी पॉजिटिव या निगेटिव रिपोर्ट कंफर्म करने के लिए। पुणे ने भी यहां की जांच रिपोर्ट की पुष्टि की है।
नए खतरे की दस्तक- छत्तीसगढ़ में ब्रिटेन से आए तीन लोग कोरोना पॉजिटिव
रायपुर। जिस बात की आशंका थी वही हुआ। छत्तीसगढ़ में ब्रिटेन से आए लोगों में से तीन कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनकी जांच आारटीपीसीआर से की गई थी। वहीं एक व्यक्ति का रैपिड एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव आया है। स्वास्थ्य विभाग तीनों व्यक्तियों के नमूनों को पुणे स्थित नेशनल वॉयरोलॉजी लैब भेज रहा है, ताकि कोविड-19 के नये स्ट्रेन की पहचान की जा सके। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने शनिवार देर रात बताया, ब्रिटेन से यहां आए 51 लोगों की जांच हुई थी। इनमें 3 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बताया जा रहा है, इन तीनों में से एक बिलासपुर और दो दुर्ग-भिलाई में हैं। रैपिड एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया चौथा व्यक्ति भी भिलाई का ही है। अधिकारियों ने बताया, प्रदेश की प्रयोगशालाओं में वायरस के म्यूटेशन की जांच की क्षमता नहीं है। ऐसे में यहां ब्रिटेन में फैले कोविड-19 के नये स्ट्रेन की पहचान संभव नहीं है। अब पॉजिटिव पाए गए नमूनों को पुणे स्थित नेशनल वॉयरोलॉजी लैबोरेट्री भेजकर जांच कराई जाएगी। बताया जा रहा है, अगर वहां नये स्ट्रेन की पहचान हो गई तो उसके प्रोटोकॉल के मुताबिक रोकथाम की व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल ब्रिटेन से आए सभी लोगों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। पॉजिटिव पाए गए लोगों के कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग का भी काम जारी है।
–कोरोना वायरस का नया वैरिएंट क्या है?
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले लंदन, दक्षिण- पूर्वी ब्रिटेन और पूर्वी ब्रिटेन में हुई थी। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार इन दिनों देश में कोरोना पॉज़िटिव हो रहे लोगों में दो-तिहाई संख्या नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों की हो सकती है। हालांकि ये एक अनुमान भर है। वायरस के बारे में तीन प्रमुख बातें हैं जो दुनिया को चिंता में डाल रही हैं । ये बहुत जल्दी कोरोना वायरस के अन्य रूपों की जगह ले रहा है। इसके म्यूटेशन से वायरस के उन हिस्सों में बदलाव हुआ है जो इंसानी कोशिकाओं पर असर डालता है. इसमें एन ५१ वाय नाम का म्यूटेशन हुआ है जो शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। लैब में देखा गया है कि इनमें से म्यूटेशन की वजह से वायरस की इंसानी कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ जाती है
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