टीपू सुल्तान पर लिखी किताब के वितरण और बिक्री पर स्थानीय अदालत ने अंतरिम रोक लगा दी है। अतिरिक्त सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद कार्रवाई की है। याचिका में दावा किया गया है कि किताब में तत्कालीन मैसूर साम्राज्य के शासक टीपू के बारे में गलत जानकारी है।
अदालत ने किताब के लेखक अडांडा सी करियप्पा, प्रकाशक अयोध्या प्रकाशन और मुद्रक राष्ट्रोत्थान मुद्रालय को “टीपू निजा कनासुगलु” (रीयल ड्रीम्स आफ टीपू) शीर्षक वाली पुस्तक के वितरण और बिक्री पर तीन दिसंबर तक के लिए निषेधाज्ञा जारी की। जिला वक्फ बोर्ड समिति के पूर्व अध्यक्ष बीएस रफीउल्ला द्वारा एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि पुस्तक में टीपू पर दी गई जानकारी गलत है।
उन्होंने यह भी कहा कि पुस्तक में प्रयुक्त शब्द “तुरुकारु” मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी है। उन्होंने तर्क दिया कि पुस्तक के प्रकाशन से अशांति और सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा होगा, जिससे बड़े पैमाने पर सार्वजनिक शांति भंग होगी। मामले की अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।