शोधार्थियों के एक नए अध्ययन से मल्टीपल मायलोमा के इलाज की नई उम्मीद जगी है। शोध के दौरान उन्होंने पाया कि अपनी तरह की पहली दवा मोडाकफस्प अल्फा, मल्टीपल मायलोमा के इलाज में कारगर साबित हो सकती है। मल्टीपल मायलोमा, बोन मैरो कैंसर का एक रूप है।
अध्ययन निष्कर्ष यूनिवर्सिटी आफ पेंसिल्वेनिया के अब्रामसन कैंसर सेंटर में आयोजित अमेरिकन सोसायटी आफ हेमेटोलाजी (एएसएच) एनुअल मीटिग-2022 में प्रस्तुत किया गया। बहुकेंद्रीय परीक्षण के पहले व दूसरे चरण के मरीजों को हर चौथे हफ्ते 1.5 मिलीग्राम मोडाकफस्प दिया गया। करीब 43 प्रतिशत मरीजों में आंशिक सुधार या कैंसर के प्रभाव में 50 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई। अध्ययन से संबद्ध मरीज पूर्व में कम से कम तीन तरीकों से इलाज करवा चुके थे और थोड़े सुधार के बाद उनमें बीमारी फिर से उसी अवस्था में लौट आई थी।
अब्रामसन कैंसर सेंटर में एसोसिएट प्रोफेसर व अध्ययन प्रस्तुत करने वाले लेखक डैन वोगल के अनुसार, “अध्ययन निष्कर्ष से हम उत्साहित हैं। यह मल्टीपल मायलोमा के मरीजों के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। हम इस पर लंबे समय से काम कर रहे थे। मल्टीपल मायलोमा के मरीज को पहली बार यह दवा पांच साल पूर्व दी गई थी। अब हमने पाया कि पर्याप्त संख्या में मरीजों को मोडाकफस्प दवा का लाभ मिल रहा है।”