रायपुर। राजिम में हर साल आयोजित होने वाले माघी पुन्नी मेला इस वर्ष 27 फरवरी से 11 मार्च तक होगा। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने गुरुवार को अपने रायपुर निवास कार्यालय में विभागीय अधिकारियों और मेला समिति के पदाधिकारियों की बैठक लेकर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कोरोना गाइड लाइन को देखते हुए मेले में किसी प्रकार का शासकीय कार्यक्रम नहीं किया जाएगा, लेकिन पूर्व वर्षों की तरह श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ववत की जाए। उन्होंने कहा कि वे मेला स्थल जाकर केन्द्रीय मेला समिति की बैठक में तीनों जिलों गरियाबंद, रायपुर और धमतरी के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सहूलियत और यातायात की व्यवस्था सुनिष्चित करने के निर्देष दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए पूर्व वर्षों की तरह सड़क, शौचालय, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सफाई आदि की व्यवस्था की जाए और कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने के लिए आग्रह किया जाए। राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन 27 फरवरी से 11 मार्च तक होगा। इस दौरान 27 फरवरी, 6 मार्च और 11 मार्च को तीन स्नान पर्व होगा।
स्थानीय निधि संपरीक्षा अब छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा के नाम से जाना जाएगा
रायपुर। राज्य शासन द्वारा स्थानीय निधि संपरीक्षा का नाम बदलकर छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग, द्वारा मंत्रालय महानदी भवन से जारी अधिसूचना का प्रकाशन 5 फरवरी 2021 को किया गया है। अधिसूचना में स्थानीय निधि संपरीक्षा का नाम बदलकर छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा संचालनालय द्वारा सभी संबंधितों से भविष्य में पत्राचार संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा, ब्लाक-1, द्वितीय तल, इन्द्रावती भवन, नवा रायपुर के नाम से करने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि स्थानीय निधि संपरीक्षा अधिनियम 1933 में प्रारंभ से ही यही नाम प्रचलित था, जिसे 1973 के अधिनियम में भी यथावत रखा गया था। वर्तमान में स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा न केवल स्थानीय निकायों की संपरीक्षा का कार्य किया जा रहा है, अपितु अनेक स्वायत्तशासी निकायों एवं अन्य निधियों का भी संपरीक्षा कार्य संपादित किया जा रहा है।
स्थानीय निकायों की निधियों में स्थानीय निधि का अंश न्यून है, अधिकांश राशि केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। इन परिस्थितियों में इस अधिनियम के नाम में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप समस्त प्रकार के निकायों की संपरीक्षा को वैधानिकता प्रदान करने, कार्यात्मक सुगमता, संपरीक्षा की नवीन तकनीकों यथा- परफारमेंस आडिट, टेस्ट आडिट आदि के प्रयोग से विभागीय दक्षता में वृद्धि के लिए अधिनियम एवं कार्य (आबंटन) नियम में वांछित संशोधन किया गया है। वर्तमान में पंचायत एवं नगरीय निकायों के आडिट रिपोर्टों पर आधारित संचालक का वार्षिक समेकित प्रतिवेदन विधानसभा के पटल पर रखा जाता है। आगामी प्रतिवेदन में अन्य समस्त निकायों का प्रतिवेदन भी समेकित प्रतिवेदन में सम्मिलित किया जाएगा।