Ekhabri। पीपल के पेड़ से शीतलता मिलती है। इस पेड़ का उतना ही धार्मिक महत्व है। पीपल के पेड़ का विशेष शक्तियों का संग्रह होता है। इसमें दिया जलाने ने असीम कृपा मिलती है।
भगवान शिव और हनुमान जी की शीघ्र कृपा पाने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर उनकी विशेष रूप से अराधना करने पर वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में लक्ष्मी जी का वास होता है। ऐसे में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल अवश्य अर्पित करें। वहीं, शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाने शनि देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं।
किसी जातक की कुंडली में शनि दोष होने पर पीपल की पूजा अत्यंत लाभकारी होती है। यह किसी के ऊपर शनि ढैय्या साढ़ेसाती या फिर महादशा चल रही है, तो पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें। वहीं, शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीया भी अवश्य जलाएं।
पंडित उदय शर्मा के अनुसार पीपल की पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखान बेहद जरूरी है। जैसे रविवार के दिन पीपल के पेड़ को जल नहीं देना चाहिए। पीपल के पेड़ को काटने से बचें। कहते हैं ऐसा करने से वंश वृद्धि रुक जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्योदय से पहले कभी भी पीपल के पेड़ की पूजा न करें क्योंकि उस समय मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का वास होता है। जिससे आपके घर में दरिद्रता आ सकती है। वहीं, पीपल के पेड़ को लेकर ये भी मान्यता है कि परिक्रमा करने जीवन से जुड़े सभी दोषों से मुक्ति मिलती है।